नई दिल्ली: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद (Ghulam Nabi Azad) अक्सर पीएम मोदी (PM Modi) और केंद्र सरकार (central government) की तारीफ करते हुए नजर आते हैं। वह पीएम मोदी के काम से प्रभावित हैं इस बात का जिक्र उन्होंने कई बार किया है। नए संसद भवन (new Parliament House)के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर मचे बवाल के बीच गुलाम नबी आजाद ने भी इंट्री कर दी है। उन्होंने केंद्र सरकार के काम को सराहा है और बधाई दी है। उन्होंने विपक्ष को भी नसीहत दी है कि विपक्ष को भी सरकार को बधाई देना चाहिए।
मोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि अगर में दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर जाता। मैं सरकार को रिकॉर्ड टाइम में बनाने कि लिए बधाई देता हूं। विपक्ष भी सरकार को बधाई देती लेकिन वह बहिष्कार कर रहा है। मैं इस विवाद के ख़िलाफ़ हूं। राष्ट्रपति भी कौन सा विपक्ष का है? वह भी भाजपा के सांसदों द्वारा चुने गए हैं।
अगर में दिल्ली में होता तो नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में जरूर जाता। मैं सरकार को रिकॉर्ड टाइम में बनाने कि लिए बधाई देता हूं। विपक्ष भी सरकार को बधाई देती लेकिन वह बहिष्कार कर रहा है। मैं इस विवाद के ख़िलाफ़ हूं। राष्ट्रपति भी कौन सा विपक्ष का है? वह भी भाजपा के सांसदों… pic.twitter.com/F0gPWdxyNH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 27, 2023
वहीं दूसरी ओर JD(U)अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस देश के आदिवासी समुदाय के लोगों, दलित समुदाय के लोगों और देश की महिला से क्षमा मांगनी चाहिए। जब उन्होंने दलित समुदाय की महिला को राष्ट्रपति बनाया था तब तो वे अपनी पीठ थपथपा रहे थे लेकिन उद्घाटन की बात आई तो उन्हें(राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू) इससे वंचित कर दिया। प्रधानमंत्री देश के इतिहास को समाप्त करके अपने नाम करना चाहते हैं।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि नई संसद से अधिक जरूरी लोकतांत्रिक परंपराओं को बढ़ाया और निभाया जाए। जो लोग विपक्ष का सम्मान नहीं करते, जो नफरत से राजनीति करते हों और जो जनता से झूठ बोले और उसको छुपाने के लिए एक-एक कार्यक्रम करें। उनके कार्यक्रमों में जाने से क्या फायदा