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नई दिल्ली: नौकरी पेशा वर्ग के लिए बड़ी खबर सामने आई है जो आपको खुश कर देगी। जी हां ईपीएफओ (EPFO) ने एक बड़ा फैसला लिया है जो नौकरी कर रहे ईपीएफओ धारकों के हित में है। जैसा कि  हमने आपको बताया ईपीएफओ (EPFO) में खाता रखने वाले सभी लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। बता दें कि ईपीएफओ ने अपनी ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। हाल ही में ईपीएफओ ने यह खुशखबरी दी है। ईपीएफओ खाता रखने वाले सभी ग्राहकों को वित्त वर्ष- 22-23 के लिए 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर मिलेगी। आइए जानते है पूरी खबर… 

इतना बढ़ाया ब्याजदर 

गौरतलब हो कि इससे पहले सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ की ब्याज दर 8.1 फीसदी पर बनाए रखने का फैसला किया था। अब सूत्रों से जानकारी मिली है कि वित्तीय वर्ष 22-23 के लिए 8.15 बजे करने का निर्णय लिया गया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर निर्धारित कर दी।

पहले इतना था ब्याजदर 

ईपीएफओ 2021-22 के लिए अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर मार्च, 2022 में चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.1 प्रतिशत पर ले आया था। यह दर 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ पर ब्याज दर आठ प्रतिशत हुआ करती थी। 2020-21 में यह दर 8.5 प्रतिशत थी। एक सूत्र ने कहा, ‘‘कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने मंगलवार को अपनी बैठक में 2022-23 के लिए ईपीएफ पर 8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज देने का निर्णय लिया है।” 

इस प्रक्रिया के बाद बढ़ेगी ब्याजदर 

मार्च, 2021 में सीबीटी ने 2020-21 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत कर दिया था। अब सीबीटी के निर्णय के बाद, 2022-23 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर की जानकारी वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर ईपीएफओ के पांच करोड़ से अधिक अंशधारकों के खातों में डाल दी जाएगी।

ब्याज दरों में ऐसा रहा चढ़-उतार 

मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को कम करके सात महीने के निचले स्तर 8.5 प्रतिशत पर ला दिया था। 2018-19 के लिए यह 8.65 प्रतिशत थी। ईपीएफओ ने 2016-17 में ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया था, 2017-18 में यह 8.55 प्रतिशत, 2015-16 में 8.8 प्रतिशत था। 2013-14 और 2014-15 में ब्याज दर 8.75 प्रतिशत थी, 2012-13 में यह 8.5 प्रतिशत थी। 2011-12 में ब्याज दर 8.25 प्रतिशत थी।