
नयी दिल्ली. सरकार ने रविवार को लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किये जाने के मद्देनजर लोक व्यवस्था बनाये रखने के लिए विभिन्न उपाय किये गये जिनके तहत अब तक एहतियातन 223 लोगों को निरुद्ध (डिटेन) किया गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रश्न के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार ने बताया है कि पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के संबंध में संसद द्वारा पिछले साल अगस्त में किये गये संवैधानिक परिवर्तनों के मद्देनजर लोक व्यवस्था को कायम रखने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय किये गये थे। उन्होंने कहा कि इनमें कुछ लोगों को एहतियातन निरुद्ध करना शामिल था।
11 सितंबर की स्थिति के अनुसार 223 लोग निरुद्ध किये गये हैं। रेड्डी ने कहा कि 2जी मोबाइल इंटरनेट स्पीड से आम जनता के साथ-साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जानकारी का आदान-प्रदान करने और कोविड नियंत्रण उपायों को करने में कोई बाधा नहीं पहुंची है।
उन्होंने कहा कि हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लगाया गया प्रतिबंध न्याय के प्रशासन में किसी प्रकार की बाधा नहीं रहा है तथा न्यायालयों द्वारा वैश्विक महामारी के दौरान वकीलों और वादियों को वीडियो लिंक्स/यूआरएल मुहैया कराकर अपनी कार्यवाहियों का संचालन करने के लिए विशेष उपाय किये गये हैं।
गांधी ने अपने प्रश्न में जम्मू कश्मीर में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत पिछले साल पांच अगस्त तक निरुद्ध किये गये नेताओं का ब्योरा पूछा था। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या जम्मू कश्मीर में 4जी सेवाओं को बहाल करने का विचार है। (एजेंसी)