सरकार ने गैर समाचार चैनलों के लिए बीसीसीसी को द्वितीय स्तरीय स्व नियामक के तौर पर पंजीकृत किया

    Loading

    नयी दिल्ली: ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कम्प्लेंट काउंसिल (बीसीसीसी) को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियमावली के तहत गैर समाचार चैनलों के खिलाफ शिकायतों के निपटान के लिए स्व नियामक के तौर पर पंजीकृत किया गया है। इस संबंध में हाल में अधिसूचना जारी की गई है। 

    सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बीसीसीसी को संशोधित नियमावली के तहत उसके सदस्य चैनलों के लिए द्वितीय श्रेणी के स्व नियामक के तौर पर पंजीकृत किया है और यह टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री के खिलाफ आई शिकायतों के समयबद्ध निपटान के लिए तीन-स्तरीय वैधानिक तंत्र प्रदान करेगी। 

    मंत्रालय ने बीसीसीसी का पंजीकरण द्वितीय श्रेणी स्व नियामक निकाय के तौर पर करने के बाद बुधवार को इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) को औपचारिक रूप से दी गई सूचना में कहा, ‘‘बीसीसीसी केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियमावली 2021 के नियम -18 में स्वयं नियामक के लिए उल्लेखित कार्य करेगी।”

    उल्लेखनीय है कि बीसीसीसी का गठन जून 2011 में आईबीएफ ने देश में मौजूद करीब 300 गैर समाचार चैनलों की सामग्री से संबंधित शिकायतों का परीक्षण करने वाले स्व नियामक निकाय के तौर पर की थी। न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) एपी शाह बीसीसीसी के संस्थापक अध्यक्ष थे जबकि मौजूदा समय में न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) गीता मित्तल निकाय की प्रमख हैं। 

    बीसीसीसी के महासचिव आशीष सिन्हा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘ विभिन्न पारंगत अध्यक्षों के नेतृत्व में बीसीसीसी द्वारा 10 साल तक किए गए कठिन कार्यों को मिली मान्यता से वह खुश हैं।”केंद्र सरकार द्वारा मई में अधिसूचित संशोधित केबल टेलीविजन नेटवर्क नियमावली के मुताबिक टीवी चैनलों के स्व नियामक निकाय को केंद्र सरकार के पास अपना पंजीकरण करना होता है।