Ukraine: Indian student killed during firing in Kharkiv
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    नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत द्वारा बुलाई एनएसए स्तर की बैठक को लेकर जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची  ने आयोजित प्रेस वार्ता में कहा,”अफगानिस्तान के लोगों को भारत का समर्थन बहुत स्पष्ट है। हम कई वर्षों से अफगानिस्तान के सभी लोगों को समर्थन दे रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में जमीनी हालात काफी मुश्किल हो गए हैं।”

    वहीं इस बैठक में पाकिस्तान के शामिल नहीं होने पर पर बागची ने कहा, “पाकिस्तान को न्योता दिया गया, वो नहीं आए. यह अफगानिस्तान के मुद्दे पर उनके रवैये को दर्शाता है यदि वे इस तरह की महत्वपूर्ण बैठकों में नहीं आते हैं।”

    उन्होंने कहा, “तदनुसार, हम इस मुद्दे पर बैठकों में भाग लेते रहे हैं कि आसन्न मानवीय चिंताओं को कैसे दूर किया जाए। NSA की बैठक में, अफगानिस्तान में बहुत गंभीर मानवीय स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई।”

    भारत द्वारा अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पर विदेश मंत्रालय ने कहा, “जिन प्रमुख तत्वों को हमने पिछली बैठकों में देखा है उनमें से एक मानवीय सहायता प्रदाताओं के लिए अबाध, निर्बाध पहुंच की आवश्यकता थी… अबाधित पहुंच की कमी के कारण कठिनाइयां आई है।”

    संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने उठाते रहेंगे कदम 

    विदेश मंत्रालय ने कहा, “चीन ने पिछले कई वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ उन क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां शुरू की हैं, जिन पर उसने दशकों से अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। भारत ने न तो हमारे क्षेत्र पर इस तरह के अवैध कब्जे को स्वीकार किया है और न ही चीन के अनुचित दावों को स्वीकार किया है।”

    मंत्रालय ने आगे कहा, “सरकार ने हमेशा राजनयिक माध्यमों से ऐसी गतिविधियों का कड़ा विरोध किया है और भविष्य में भी ऐसा करती रहेगी। सरकार ने सीमा के बुनियादी ढांचे को भी बढ़ाया है, जिसमें सड़कों, पुलों का निर्माण शामिल है, जिसने सीमा पर स्थानीय आबादी को बहुत जरूरी संपर्क प्रदान किया है।”

    अरुणाचल के पास गांव बसाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा, “सरकार अरुणाचल प्रदेश सहित आजीविका में सुधार के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ बुनियादी ढांचे के निर्माण के उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार भारत की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले विकास पर लगातार नजर रखती है और संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी उपाय करती है।”

    पीओके हमारा आंतरिक मामला 

    पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की यात्रा पर आये ओआईसी के दूत पर विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह हमारा आंतरिक मामला है। मैंने पहले भी कहा था कि हम पीओजेके की इस तरह की यात्राओं को अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप मानते हैं।”

    मंत्रालय ने कहा, “यह निर्णय लिया गया है कि लगभग 1500 तीर्थयात्रियों का एक जत्था 17-26 नवंबर से 1974 प्रोटोकॉल के तहत भारत-पाक के बीच धार्मिक स्थलों की यात्रा पर पाक जाएगा। गुरुद्वारा दरबार साहिब, श्री पंजा साहिब, डेरा साहिब, ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सच्चा सौदा जाने के लिए निर्धारित है।