वाराणसी (उ.प्र): काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) की दीवार से लगी हुई ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) पर इन दिनों संग्राम मचा हुआ है, जो दिन ब दिन और भी ज़्यादा तेज होता जा रहा है। इस मसले के साथ ही यूपी सहित देश की राजनीती भी गरमाती जा रही है। हर दिन नेता या कोई राजनैतिक विशेषयज्ञ नए-नए बयान दे रहे हैं।
ज्ञानवापी में माँ श्रृंगार गौरी (Maa Shringar Gauri) की नियमित पूजा करने के लिए पांच महिलाओं ने वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi District Court) ने याचिका लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पूरे परिसर का सर्वे करने का आदेश दिया। इसी को लेकर पिछले तीन दिनों से सर्वे (Gyanvapi Mosque Survey) किया जा रहा है। सोमवार को सर्वे के आखिरी दिन अचानक यह आवाज़ आई है कि ‘बाबा मिल गए’!
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग (Shivling In Gyanvapi Mosque) मिलने का दावा किया गया है। जिसे लेकर अब विवाद और भी ज़्यादा बढ़ता हुआ नज़र आ रहा है। सोशल मीडिया (Social Media) पर ज्ञानवापी का एक पुराना वीडियो भी वायरल (Gyanvapi Mosque Viral Video) हो रहा है, जिसमें वह जगह दिखाई दे रही है, जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया है। यह वीडियो उसी जगह का है, जिसे लेकर हर पक्ष अपने-अपने दावे कर रहा है। हालांकि, विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह ने साफ किया है कि जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह सर्वे के दिन का नहीं है।
यह है ज्ञानवापी मस्जिद का पुराना वायरल वीडियो
FIRST VIDEO:
This is an old video of #Gyanwapi Pond. As per the Eyewitnesses present during Survey, The Fountain-alike structure which is visible in this video is the Shivling is Real🚩👇pic.twitter.com/Rq0PM9ETzX
— The Analyzer (@Indian_Analyzer) May 16, 2022
Courtesy: The Analyzer
Shivling in Gyanwapi mosque,
This is old video but one can see the shivling it’s clearly visible.#GyanvapiSurvey #ज्ञानवापी_मंदिर pic.twitter.com/xzGFCbAWlO— Engineer Reveals 🇮🇳 (@engineer_inside) May 16, 2022
Courtesy: Engineer Reveals
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन और असदुद्दीन ओवैसी के दावे
शिवलिंग मिलने के बाद से ही हिन्दू और मस्जिद पक्ष के लोग अपने-अपने दावे कर रहे हैं। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने भी यह दावा किया है कि, वजू खाने के अंदर जो कुआं है उसमें शिवलिंग है। जबकि मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है, हकीकत में वह फव्वारा है। इसके अलावा AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तो ये तक कह दिया कि ऐसे फुव्वारे हर मस्जिद में होते हैं।
सोमवार को मिला शिवलिंग, गूंजा हर-हर महादेव का जयघोष
सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का आखिरी दिन था, यह सर्वे केवल 2 घंटे का हुआ और नंदी की मूर्ति के सामने वाली जगह पर हुआ। इस जगह को शिव मंदिर होने का दावा किया जाता है। यह जगह मस्जिद का वजू खाना है, जहां पानी निकालने पर शिवलिंग मिला है। इस शिवलिंग के मिलते ही हिंदू पक्ष उछल पड़े और हर-हर महादेव के नारे लगाने लगे।
शिवलिंग नहीं फव्वारा है
मस्जिद से बाहर आकर हिंदू पक्ष ने शिवलिंग होने का दावा सार्वजनिक किया। शिवलिंग के दावे से हिंदू पक्ष गदगद हो गए तो वहीं मुस्लिम पक्ष इस दावे को नकारता हुआ दिखा। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि, मस्जिद में शिवलिंग होने का दावा गलत है, क्योंकि जिसे शिवलिंग कहा जा रहा है, वह वास्तव में एक फव्वारा है। मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन ने कहा कि फव्वारे को शिवलिंग बताया जा रहा है।
‘नंदी हैं तो भोलेनाथ भी ज़रूर होंगे’
इन सबके अलावा बहुत पहले से यह भी कहा जाता है कि नंदी हैं तो भोलेनाथ भी ज़रूर होंगे। वहीं हिंदू पक्ष शिवलिंग को नंदी की मूर्ति से जोड़कर देख रहा है। सनातन परंपरा के अनुसार, नंदी अकेले नहीं हो सकते, अगर नंदी हैं तो उनके मुख के सामने भगवान शिव भी जरूर होंगे। दावा है कि ज्ञानवापी के जिन तीन कमरों का सर्वे किया गया वहां पर सर्प, कलश, घंटियां, स्वस्तिक, संस्कृत के श्लोक और स्वान की मूर्तियां भी मिली हैं।
मुख्य गुम्बद की दीवार का विवाद
वहीं ज्ञानवापी मस्जिद की मुख्य गुम्बद की दीवार को लेकर भी विवाद है। इस दीवार को लेकर हिंदू पक्ष का कहना है कि यहीं मंदिर का गर्भगृह था, जिसे औरंगजेब ने तोड़ दिया। ऐसे में अगर इस दीवार में लगे दरवाजे को हटा दिया जाए तो कोई भी गर्भगृह में प्रवेश कर सकता है।
‘औरंगजेब ने तोड़ा मंदिर, अहिल्याबाई होल्कर ने बनाया’
मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर अंदर ‘अष्टदल’ है। वहीं श्रृंगार गौरी मंडप की दीवार को मंदिर का अवशेष कहा जाता है। कई इतिहासकार के अनुसार, काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण गुप्तकाल में हुआ था। जिसके बाद मोहम्मद गौरी के आदेश पर मंदिर के कुछ हिस्से तोड़ दिए गए थे। आखिरी बार औरंगजेब ने यह मंदिर तोड़ा था और उस स्थान पर ज्ञानवापी मस्जिद बनाया गया था। हालांकि, बाद में रानी अहिल्याबाई होल्कर ने ज्ञानवापी मस्जिद के ठीक बगल में दोबारा मंदिर बनाया था।