कोरोना प्रोटोकॉल के कारण 21 से घटाकर 10 किए गए हज यात्रियों के प्रस्थान स्थल, लोकसभा में मुख्तार अब्बास नकवी ने दी जानकारी

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    नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi) ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) से जुड़े प्रोटोकॉल के चलते हजयात्रियों के लिए प्रस्थान स्थलों (इम्बारकेशन प्वाइंट्स) की संख्या 21 से घटाकर 10 की गई है। उन्होंने लोकसभा (Lok Sabha) में द्रमुक के नेता टी आर बालू के पूरक प्रश्न के उत्तर में यह टिप्पणी की।  

    बालू ने कहा कि हजयात्रियों के लिए उड़ान के प्रस्थान स्थलों की सूची में चेन्नई को शामिल नहीं किए जाने के मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, लेकिन अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का कहना है कि उससे तमिलनाडु सरकार की ओर से आग्रह नहीं किया गया। यह कैसे हो सकता है? इस पर नकवी ने कहा, ‘‘महामारी के दौरान दो वर्षों से हजयात्रा नहीं हुई है। मोदी सरकार में ही हजयात्रियों का कोटा बढ़ा है। इंडोनेशिया के बाद सबसे ज्यादा हजयात्री भारत से जाते हैं। इस साल उम्मीद है कि हज यात्रा होगी।”

     उन्होंने कहा, ‘‘ तमाम वरिष्ठ अधिकारी और एजेंसियां, सऊदी अरब सरकार से बात कर रहे हैं। जो भी प्रोटोकॉल वहां का है, सऊदी अरब की सरकार का है, उसे हमें पालन करना होगा।” मंत्री ने सदन को बताया, ‘‘हजयात्री 21 प्रस्थान स्थलों की जगह 10 स्थानों से जाएंगे। महामारी से जुड़े प्रोटोकॉल की वजह से ऐसा हुआ है।”  

    एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में नकवी ने कहा, मदरसों और अन्य शिक्षण संस्थानों में केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाएं चल रही हैं…वर्ष 2021-22 के लिए विभिन्न राज्यों से शिक्षकों के मानदेय के प्रस्ताव आए हैं और इस पर मंत्रालय के परियोजना अनुमोदन बोर्ड द्वारा विचार किया गया है और इसका अनुमोदन भी कर दिया गया है।