नई दिल्ली: आरएसएस आज अपना 96वां स्थापना दिवस मना रहा है। हिंदी तिथि के अनुसार विजयादशमी के दिन ही 1925 में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की स्थापना हुई थी। आज नागपुर में आयोजित किये गए कार्यक्रम में आरएसएस चीफ मोहन भागवत खुद शामिल हुए। उन्होंने सबसे पहले शस्त्र पूजा की और फिर स्वंयसेवकों को संबोधित भी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विभाजन की टीस अब तक नहीं गई है।
बता दें कि RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की वो दर्द अभी तक गया नहीं है। अपने देश का विभाजन हुआ, अत्यंत दुखद इतिहास है वो, परन्तु उस इतिहास के सत्य का सामना करना चाहिए, उसे जानना चाहिए।
मोहन भागवत ने “शस्त्र पूजन” किया-
महाराष्ट्र: विजयदशमी के अवसर पर नागपुर में RSS मुख्यालय में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने “शस्त्र पूजन” किया pic.twitter.com/xPxPBS2lDr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 15, 2021
#WATCH महाराष्ट्र: विजयदशमी के अवसर पर RSS ने नागपुर में अपने मुख्यालय में परेड की। इस दौरान मंच पर RSS प्रमुख मोहन भागवत भी मौज़ूद रहें। pic.twitter.com/99PiV3gcqN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 15, 2021
मोहन भागवत ने कहा कि जिस शत्रुता और अलगाव के कारण विभाजन हुआ उसकी पुनरावृत्ति नहीं करनी है। पुनरावृत्ति टालने के लिए, खोई हुई हमारे अखंडता और एकात्मता को वापस लाने के लिए उस इतिहास को सबको जानना चाहिए। खासकर नई पीढ़ी को जानना चाहिए। खोया हुआ वापस आ सके खोए हुए बिछड़े हुए वापस गले लगा सकें।
आरएसएस चीफ ने कहा कि विश्व को खोया हुआ संतुलन व परस्पर मैत्री की भावना देने वाला धर्म का प्रभाव ही भारत को प्रभावी करता है। यह ना हो पाए इसीलिए भारत की जनता, इतिहास, संस्कृति इन सबके विरुद्ध असत्य कुत्सित प्रचार करते हुए, विश्व को तथा भारत के जनों को भी भ्रमित करने का काम चल रहा है।