
चंडीगढ़: कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की तलाश जारी है। वहीँ बड़ी खबर यह है कि अमृतपाल सिंह के कथित सलाहकार और फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी (Daljit Singh Kalsi) उर्फ सरबजीत सिंह कलसी को गिरफ्तार कर लिया गया है। केंद्रीय एजेंसी के सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है। फरार ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए राज्य भर में सुरक्षा बढ़ाई गई। इससे पहले पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब दे के लोगों के खिलाफ राज्य में बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी तलाशी अभियान शुरू किया है। अब तक 80 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि कई अन्य को हिरासत में लिया गया है। अमृतपाल सिंह सहित कई अन्य फरार हैं।
जालंधर के पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल (Kuldeep Singh Chahal) ने शनिवार रात को जालंधर में नकोदर के समीप पत्रकारों से कहा, ‘‘वह अब भगोड़ा है और हम उसकी तलाश कर रहे हैं तथा उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।” चहल ने कहा कि अमृतपाल सिंह के छह से सात बंदूकधारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह तथा उसके समर्थकों के खिलाफ शनिवार को बड़ी कार्रवाई शुरू की थी और पुलिस ने सिंह के नेतृत्व वाले एक संगठन के 78 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
Daljeet Singh Kalsi alias Sarabjeet Singh Kalsi, an alleged advisor and financer of 'Waris Punjab De' chief Amritpal Singh, has been arrested: Central Agency sources
— ANI (@ANI) March 19, 2023
जालंधर जिले में सिंह के काफिले को रोका गया, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। अधिकारियों ने कई स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी और रविवार दोपहर तक राज्य में इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद कर दीं। पुलिस ने शनिवार को सिंह के नेतृत्व वाले ‘वारिस पंजाब दे’ (CASO) से जुड़े लोगों के खिलाफ ‘बड़े पैमाने पर राज्यव्यापी घेराबंदी और तलाश अभियान (CASO)’ शुरू किया है। सिंह के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
पुलिस ने कहा कि राज्यव्यापी अभियान के दौरान अब तक .315 बोर की एक राइफल, 12 बोर की सात राइफल, एक रिवॉल्वर और 373 कारतूस सहित नौ हथियार बरामद किए गए हैं। पंजाब में कई जगहों पर वाहनों की तलाशी लेने के साथ सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि WPD से जुड़े लोग विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमले और लोक सेवकों के कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित चार आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं।