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    नयी दिल्ली/रिकॉन्गपिओ. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार,हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के किन्नौर (Kinnaur) जिले में छितकुल के लम्खागा दर्रे (Lamkhaga Pass) की ट्रैकिंग पर निकले लापता 11 ट्रैकरों (11 Trekkers Missing) में से अब तक पांच के शव मिल चुके हैं। वहीं सेना ने बीते गुरुवार को अन्य दो घायलों को रेस्क्यू कर लिया है, जबकि चार अब भी लापता बताये जा रहे हैं। पता चल है कि, ये सभी लोग उत्तरकाशी के हर्षिल से होते हुए छितकुल आ रहे थे। 

    फिलहाल मौसम खराब होने की वजह से इन शवों को एयरलिफ्ट नहीं किया जा सका है। वहीं, एक घायल मिथुन को सेना अपने साथ उत्तरकाशी ले गई है। जबकि दूसरे का इलाज वहीं सेना के कैंप में चल रहा है। बताया जा रहा है कि सेना आज यानी शुक्रवार को शवों को निकालने के साथ लापता चार लोगों की फिर से तलाश शुरू करेगी। बता दें कि कुल 17 लोगों के दल में से छह पोर्टर खुद ही अपने आप सांगला पहुंच गए थे और इन्होंने ही 11 पर्यटकों के फंसे होने की जरुरी सूचना दी थी।

    वहीं DC किन्नौर आबिद हुसैन ने फिलहाल 5 मौतों की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी के हर्षिल से 14 अक्तूबर को 11 ट्रैकरों और छह पोर्टरों का एक दल किन्नौर के छितकुल के लिए निकला था। लेकिन फिर 17 और 18 अक्तूबर को किन्नौर में भारी बर्फबारी में इस दल के 11 पर्यटक दर्रे में फंस गए और वे टेंट लगाकर यहीं रुक गए। जबकि नेपाल मूल के छह पोर्टर पैदल ही सांगला के लिए बर्फ में ही निकल गए थे।

    अब सेना का हेलीकॉप्टर निकालेगा इन शवों को 

    घटना के अनुसार ये पोर्टर बीते 20 अक्तूबर को सांगला थाने पहुंचे और जिला प्रशासन को सूचित किया। वहीं बीते दिन पैदल रेस्क्यू अभियान में ITBP और प्रशासन की टीम को कुछ विशेष सफलता नहीं मिली। मिली जानकारी के अनुसार, बीते गुरुवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी से आए सेना के एक हेलीकॉप्टर से सर्च अभियान भी चलाया गया था। तब यहाँ पांच शव और दो घायल भी उन्हें मिल गए। इस घटना बाबत DC किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि सेना ने फिलहाल सात ट्रैकरों को रेस्क्यू किया है, जिनमें अब तक 5 की मौत हो चुकी है, दो का जरुरी उपचार चल रहा है, जबकि 4 अभी भी लापता हैं। लम्खागा दर्रे से होकर छितकुल से सांगला की ओर छह पोर्टर पहुंचे थे, इनमें से चार पोर्टर तुलसी काफले, सुरेंद्र तिमेलासेना, विष्णु पोखरे और बलीराम पैदल ही सांगला थाना पहुंचे थे।

    बर्फबारी के चलते रास्ता हुआ बंद 

    दरअसल लम्खागा दर्रे में तीन फीट बर्फबारी होने से 11 ट्रैकर एक अस्थायी टेंट में रुक गए। जबकि 6 पोर्टर टेंट की सुविधा न होने पर चलते-चलते भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के नित्थल थाच के पास जा पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने ITBP से जरुरी मदद मांगी थी।