Electricity Amendment Bill can be introduced in the monsoon session of Parliament
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    नई दिल्ली: देश में खाली हुए राज्यसभा (Rajya Sabha) सीटों के लिए 10 जून को चुनाव तिथि निर्धारति की गई है। इस चुनाव की चुनावी प्रक्रिया लोकसभा चुनाव से बिलकुल अलग होती है। इस बार 15 राज्यों के 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने वाले है। इस चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राज्य सभा सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष तक का होता है। राज्यसभा सदस्य की एक तिहाई संख्या हर 2 साल में रिटायर होते रहते हैं, इसलिए लगभग हर 2 साल बाद यह चुनाव होता रहता है। इस बार के चुनाव में भाजपा, सपा,कांग्रेस, सभी पार्टियों द्द्वारा निर्धारति प्रत्याशी अपना-अपना नामकंन दाखिल करना शुरू कर दिए है। राज्यसभा चुनाव किसी भी राज्य का व्यक्ति किसी भी जगह से लड़ सकता है, बशर्ते उसकी उम्र 30 के पार हो और वह भारतीय नागरिक हो।

    ऐसे है सीटों की स्थिति  

    सूत्रों की माने तो इस चुनाव में सबसे अधिक बीजेपी को सीट मिलने के आसार है। उत्तर प्रदेश में 11 सीटों पर तो मध्यप्रदेश 3 ,ओडिशा 3,महाराष्ट्र में 6,तमिलनाडु 6,कर्नाटक4 , आंध्रप्रदेश 4,राजस्थान 4, बिहार 5,तेलंगाना 2,झारखण्ड 2,छत्तीसगढ़ 2,पंजाब 2,हरियाणा 2 सहित अन्य राज्यों की सीटें पर चुनाव होने है। सूत्रों की माने तो बीजेपी 22 से 23 सीट कांग्रेस के खेमे 10 से 11 सीट जाने की प्रबल संभावना है। इसके अलांवा अन्य पार्टियों के खेमे कुछ सीटें जा सकती हैं।

    ऐसे होता है राज्य सभा का चुनाव 

    राज्य सभा चुनाव का तरीका राज्यों के खाली सीटों पर निर्भर करता है।

    नियम के मुताबिक किसी भी राज्य में जितनी सीटें खाली है, उसमें एक जोड़ दिया जाता है।

    जोड़ने के बाद उसमें फिर कुल विधान सभा की सीटों से भाग दे दिया जाता है।

    इसके बाद आने वाली संख्या में पुनः एक जोड़ कर फार्मूला पूरा किया जाता है।

    राज्य सभा चुनाव में प्रत्येक राज्य के विधनसभा से विधायकों को वोटिंग का अधिकार रहता है। परंतु एमएलसी अर्थात विधान परिषद सदस्य को वोटिंग का अधिकार नहीं रहता है।

    विधायक अपने प्राथमिकता के आधार पर सिर्फ 1 बार वोट कर सकता है।

    विधायक को अपनी पहली और दूसरी पसंद बताने के बाद  उसका जो पहला पसंद प्रत्याशी रहेगा उसका वोट उसी के लिए मान्य होगा।  

    ये मिलती है सरकारी सुविधा

    यदि सदस्य राज्य सभा के काम से कहीं यात्रा कर रहा हे तो उसके हवाई यात्रा,ट्रेन यात्रा से लेकर यात्रा से संबंधित सभी खर्चे सरकार वहन करती है। 

    आपको बता दें राज्यसभा संसद की वेतन करीब 1 लाख होती है, इसके आलावा उसके ड्यूटी के अनुसार उसे प्रतिदिन 2 हजार भत्ता दिया जाता है।

    हर सदस्य को 2 पास मिलते है, जो 1 उसके स्वतः के लिए होता हे दूसरा उसके परिवार लिए होता है।

    जिससे माध्यम से वह व उनका परिवार सरकारी सुविधाओं लाभ ले सकता है।

    इसके अलावां सदस्य के रिटायर उपरांत 25 हजार रूपये पेंशन के रूप में मिलता है।

    इन सबके अलावां इनको करोड़ो निधि मिलती है,जिससे  शासन के माध्यम से यह जनता के विकास कार्य में प्रस्तावना देकर कार्य करवाते हैं। 

    आगामी 1 अप्रैल 2023 को इनके वेतन में बढ़ोत्तरी होगी । 

    इसके अलावा यदि सदस्य के दूसरी बार भी बना तो 2000 रुपए वेतन बढ़कर 10 साल तक सदस्य रहने वाले सदस्य को 35000 हजार तक पेंशन मिलता है।