cyclonic Mocha
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    नई दिल्ली : सितरंग चक्रवात (Cyclone Sitarang) से आने वाले समय में होने वाले खतरे को देखते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा अलर्ट जारी कर दिया गया है। साइक्लोन सितरंग के 25 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से टकराने की आशंका है। इस दौरान तूफान से 110 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। इतना ही नहीं इसका ज्यादा असर सुंदरबन और पूर्वी मिदनापुर के तटीय इलाकों पर पड़ सकता हैं।

    साल भर बनते हैं साइक्लोन

    समुद्र में लगभग साल भर साइक्लोन बनते हैं, लेकिन ये सभी खतरनाक नहीं होते हैं। इनमें से वो ही साइक्लोन खतरनाक होते हैं जो धरती की ओर बढ़ते हैं। आपने अक्सर चक्रवात के अलग-अलग नामों को भी सुना होगा। कभी-कभी ये चक्रवात बेहद मामूली होते हैं तो कभी ये इतने ज्यादा खतरनाक होते हैं की भारी संख्या में लोगों की जान ले लेती है और काफी नुकसान भी होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिरकार चक्रवात क्या होते हैं और ये बनते कैसे हैं? चलिए हम आपको बताते हैं। 

    कैसे बनते हैं चक्रवात?

    गौरतलब है कि साइक्लोन एक ऐसी संरचना है जो गर्म हवा के चारों ओर कम वायुमंडलीय दबाव के साथ उत्पन्न होती है। जब एक तरफ से गर्म हवाओं तथा दूसरी तरफ से ठंडी हवा का मिलाप होता है तो वह एक गोलाकार आंधी का आकार लेने लगती है और इसे ही चक्रवात यानी साइक्लोन कहते हैं। 

    साइक्लोन आम स्टोर्म से ज्यादा तीव्र और खतरनाक होते हैं। आपको बता दें कि हर साइक्लोन का नाम नहीं रखा जाता है, लेकिन 65 किमी/घंटे की रफ्तार से ज्यादा वाले साइक्लोन का नाम रखना जरूरी होता है।