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बेंगलुरू: कांग्रेस द्वारा कर्नाटक में शपथ ग्रहण (swearing-in ceremony in Karnataka) के लिए कई विपक्षी दलों को आमंत्रित नहीं किए जाने पर पीडीपी नेता एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा कि कांग्रेस को और त्याग करना चाहिए, वरना अन्य विकल्प भी मौजूद हैं। महबूबा मुफ्ती ने बेंगलुरु (Bengaluru) में कहा कि जब सभी ने हार मान ली थी, तब कर्नाटक ने पूरे देश को उम्मीद की किरण दिखाई। कर्नाटक ने भी पिछले पांच साल तक नफरत और सांप्रदायिक राजनीति को झेला, लेकिन राज्य ने लोकतंत्र को फिर से मौका दिया है। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा संघवाद का सबसे अच्छा उदाहरण था, लेकिन अनुच्छेद-370 (Article 370) को निरस्त करके राज्य का विभाजन किया गया और उसे अक्षम बनाया गया। उन्होंने कहा कि मैं तब तक विधानसभा चुनाव (assembly elections) नही लडूंगी जब तक 370 फिर से बहाल ना हो जाए।  

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि दिल्ली में जो कुछ भी हुआ, वह सभी के लिए एक खतरे की घंटी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नहीं चाहती कि कोई विपक्ष हो। भाजपा नहीं चाहती कि कोई विपक्ष हो। दिल्ली सरकार को शक्तिहीन कर दिया गया है। यही सभी के साथ होने जा रहा है। मैं अनुच्छेद-370 बहाल होने तक विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगी, लेकिन मेरी पार्टी चुनाव लड़ेगी।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अब खुली जेल है। हम सभी के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं। अगर एक पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार के साथ ऐसा हो सकता है, तो यह किसी के भी साथ हो सकता है। चीन अब जम्मू-कश्मीर के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है, जबकि पहले केवल पाकिस्तान ऐसा करता था। यह भाजपा के अनुच्छेद-370 को निरस्त करने का नतीजा है। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने कर्नाटक में कांग्रेस की जीत की नींव रखी।   

उन्होंने कहा कि जी-20 देश का इवेंट है लेकिन बीजेपी ने इसे हाईजैक कर लिया है, उन्होंने लोगो को कमल से बदल दिया है, लोगो को देश से जुड़ा होना चाहिए था, किसी पार्टी का नहीं। यह सार्क है जो हम इस क्षेत्र में अपने देश का नेतृत्व स्थापित करेंगे। सार्क शिखर सम्मेलन क्यों नहीं करें और हमारी समस्या का समाधान करें। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल होने तक मैं विधानसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। मुझे निकट भविष्य में विधानसभा चुनाव होते नहीं दिख रहे है। भारत के विचार के अस्तित्व के लिए, अन्य पार्टियों की तुलना में कांग्रेस की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।