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Photo: @sherryontopp/Twitter

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नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पिछले एक हफ्ते से दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय पहलवान धरने (Wrestlers Protest) पर बैठे है। उनके समर्थन में कई नेता जंतर मंतर पर पहुंचे। इसी बीच कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) भी पहलवानों का समर्थन करते दिखे। उन्होंने इस मामले में कस्टोडियल इंवेस्टिगेशन की मांग की है।

कस्टोडियल इंवेस्टिगेशन की मांग

सिद्धू ने कहा, “अगर इंसाफ मिलने में देरी हुई तो सिद्धू जान की बाजी लगा देगा।” उन्होंने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, “अगर आप सच तक पहुंचना चाहते हैं तो कस्टोडियल इंवेस्टिगेशन कीजिए, ऐसा नहीं होता है तो इन सबका कोई मतलब नहीं है। क्या कानून ऊंचे लोगों के लिए दोहरे मापदंड रखेगा? सबसे पहले तो इस्तीफा देना चाहिए।” पहलवानो के पहुंचने से पहले सिद्धू ने ट्वीट करते हुए कहा था कि वो इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।

क्या चीजें कालीन के नीचे बहा दी गईं।

पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा, “इरादा संदिग्ध है और मकसद अभियुक्त की रक्षा करना है। क्या चीजें कालीन के नीचे बहा दी गईं। जिस अधिकारी ने एफआईआर में देरी की, उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 166 के तहत मुकदमा क्यों नहीं चलाया जा रहा है क्योंकि वह प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बाध्य था।”

पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामले गैर-जमानती हैं?

साथ ही सिद्धू से सवाल किया है, “पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज मामले गैर-जमानती हैं … अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? क्या बड़े और ताकतवर लोगों के लिए कानून अलग है?”