Farmers Suicide
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    नई दिल्ली:  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomer) ने मंगलवार को बताया कि 2020 में किसानों की खुदकुशी (Farmer Suicide) के मामले इससे एक साल पूर्व की तुलना में कम होकर 5,579 हो गए थे।

    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए तोमर ने लोकसभा में सुभाष रामराव भामरे, राजीव रंजन सिंह, एंटो एंटनी और दिनेश चंद्र यादव के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि एनसीआरबी ने 2020 की अपनी रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या के अलग-अलग कारण नहीं दिये हैं।

    उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि व्यक्तियों (किसानों सहित) द्वारा आत्महत्या के कारणों में ‘पारिवारिक समस्याएं’, ‘बीमारी’, ‘नशीली दवाओं का दुरुपयोग/व्यसन’, ‘विवाह संबंधी मुद्दे’, ‘प्रेम प्रसंग’, ‘दिवालियापन या ऋणग्रस्तता’, ‘परीक्षा में विफलता’, ‘बेरोजगारी’, ‘व्यावसायिक/कैरियर समस्या’ और ‘संपत्ति विवाद’ शामिल हैं।”

    तोमर के उत्तर में दिये गये एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में किसानों की खुदकुशी के कुल मामलों में से सबसे अधिक 2,567 मामले महाराष्ट्र से आए थे। इसके अलावा कर्नाटक से 1,072, आंध्र प्रदेश से 564, तेलंगाना से 466, मध्य प्रदेश से 235 और छत्तीसगढ़ से 227 मामले सामने आए।

    तोमर ने सदन को यह भी बताया कि सरकार को देश में, विशेष रूप से मध्य प्रदेश में उर्वरक की अनुपलब्धता की वजह से किसानों के आत्महत्या करने संबंधी कोई रिपोर्ट नही मिली है। उन्होंने कहा कि खुदकुशी करने वाले किसानों के परिवारों को राज्य सरकारें राहत प्रदान करती हैं।

    तोमर ने एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि देश में इस साल अब तक भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं की वजह से करीब 50.40 हेक्टेयर क्षेत्र में जोती हुई फसल प्रभावित हुई है और सर्वाधिक नुकसान कर्नाटक में हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) से 25 नवंबर की तारीख तक करीब 8,873.60 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं। (एजेंसी)