india china
File Pic

    Loading

    नयी दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार भारत और चीन (India-China) के बीच दो महीने के अंतराल के बाद बीते रविवार को एक और दौर की उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता हुई है। बता दें कि इस वार्ता का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में बाकी के टकराव वाले स्थलों से सैनिकों की वापसी की दिशा में सही कदम को आगे बढ़ना था। बताया जा रहा है कि, कोर कमांडर स्तर की यह 13वें दौर की वार्ता पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन की तरफ मोल्डो सीमा बिंदु पर हुई है। सूत्रों के अनुसार यह वार्ता सुबह करीब 10.30 बजे शुरू हुई और ये आठ घंटे तक चली। इस अहमबैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने की, जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर भी हैं।

    इन बिन्दुओं पर हुई ख़ास बात 

    • भारतीय सेना ने आज बताया कि, वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लंबित मुद्दों के समाधान पर केंद्रित रही।
    • भारतीय सेना ने वार्ता में साफ़ बताया कि LAC पर हालात यथास्थिति को बदलने के चीन के एकतरफा प्रयासों के कारण पैदा हुए हैं।
    • भारतीय पक्ष ने चीनी पक्ष से कहा है कि शांति बहाली के लिए वह बाकी के क्षेत्रों में उचित कदम उठाए।
    • भारतीय पक्ष ने यह जोर देकर कहा कि बाकी के क्षेत्रों में लंबित मुद्दों के समाधान से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति होगी।
    • भारतीय पक्ष ने बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान के लिए सकारात्मक सुझाव दिए लेकिन चीनी पक्ष उनसे इस बात सहमत नहीं लगा।
    • बैठक में बाकी के क्षेत्रों में मुद्दों के समाधान के लिए किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे।
    • दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखने तथा संचार/संवाद कायम रखने पर सहमत हुए।
    • भारतीय सेना ने यह भी कहा कि, हम चीनी पक्ष से उम्मीद करते हैं कि वह लंबित मुद्दों के जल्द समाधान के लिए काम करेगा।

    तल्‍ख रिश्‍ते

    बता दें कि करीब दस दिन पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांगत्से के पास भारतीय और चीनी सैनिकों का कुछ देर के लिए आमना-सामना हुआ था। हालांकि, फिर स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के कमांडरों के बीच वार्ता के बाद कुछ ही घंटे में मामले को सुलझा लिया गया था। वहीं चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के करीब 100 जवान बीते 30 अगस्त को उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को पार कर आए थे और कुछ घंटे बिताने के बाद वे लौट भी गए थे।