भारत, इजराइल ने क्षेत्रीय संपर्क, व्यापार और रक्षा संबंध विस्तारित करने का संकल्प लिया

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नयी दिल्ली. इजराइली विदेश मंत्री एली कोहेन की यात्रा के दौरान भारत और इजराइल ने व्यापार, क्षेत्रीय संपर्क और रक्षा जैसे क्षेत्रों में संबंध विस्तारित करने का मंगलवार को संकल्प लिया। कोहेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और संपूर्ण संबंधों को विस्तारित करने के तरीकों पर चर्चा के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ विस्तृत वार्ता की।

इजराइली विदेश मंत्री तीन दिवसीय यात्रा पर आज सुबह यहां पहुंचे थे, लेकिन गाजा पट्टी में एक चरमपंथी समूह के ठिकानों पर इजराइल द्वारा सैन्य कार्रवाई किये जाने के मद्देनजर उन्होंने यात्रा की अवधि में कटौती करने के अपने फैसले की घोषणा की। इजराइल की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किया कि वे 42,000 भारतीय श्रमिकों को इजराइल में निर्माण कार्य (कंस्ट्रक्शन) और नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने देंगे।

भारत-इजराइल कारोबारी मंच के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोहेन ने कहा कि भारत, इजराइल और अरब देश क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा दे सकते हैं और खाड़ी क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क भविष्य में इजराइली हाइफा बंदरगाह तक भारतीय खेप को ले जायेगा। कोहेन ने यहां पहुंचने के कुछ घंटे बाद भारत-इजराइल व्यापार मंच को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने पर भी जोर दिया।

क्षेत्र में संपर्क(कनेक्टिविटी) पर उनकी टिप्पणी भारत, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान से हुई मुलाकात के दो दिन बाद आई है। उन्होंने एक बड़ी संपर्क परियोजना पर चर्चा की थी। जनवरी में इजराइल ने रणनीतिक महत्व के हाइफा बंदरगाह को अडाणी समूह को सौंप दिया था। यह कंटेनर के परिवहन के संदर्भ में इजराइल का दूसरा सबसे बड़ा बंदरगाह है और जहाजरानी पर्यटन क्रूज जहाजों के मामले में सबसे बड़ा बंदरगाह है। कोहेन ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि इजराइल, खाड़ी अरब देशों और भारत, पूर्व से पश्चिम का द्वार खोले।”

वहीं, जयशंकर ने कोहेन से बातचीत के बाद ट्वीट किया, “इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन के साथ आज दोपहर को सार्थक एवं विस्तृत चर्चा हुई। हमारे सामरिक संबंधों का मुख्य स्तंभ- कृषि, जल, रक्षा एवं सुरक्षा है और यह हमारे रिश्तों को आगे ले जा रहा है।” उन्होंने कहा, ‘‘ जल और कृषि के क्षेत्र में आज नए समझौते और अधिक कार्य की क्षमता को रेखांकित करते हैं।”

जयशंकर ने कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी, डिजिटल एवं नवाचार क्षेत्र, सम्पर्क, पर्यटन आवागमन, वित्त और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग के बारे में चर्चा करने के साथ आई2यू2 जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग में प्रगति की समीक्षा की। विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ यूक्रेन, हिन्द प्रशांत और अपने अपने क्षेत्रों में विचारों का आदान प्रदान किया।”

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कोहेन के साथ बैठक के दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत नीति के अनुरूप स्वदेशीकरण की दिशा में भारत की प्राथमिकता को रेखांकित किया।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘उन्होंने इजराइली कंपनियों द्वारा किये जा रहे सहयोग को स्वीकार किया और कहा कि इन्हें भारत में और निवेश करने तथा भारत में रक्षा उपकरण निर्मित करने के लिए भारतीय साझेदारों के साथ संयुक्त उद्यम बनाने के वास्ते प्रोत्साहित किया है।” (एजेंसी)