नई दिल्ली: रूस (Russia) से पहली ‘S-400 मिसाइल सिस्टम’ की पहली रेजिमेंट भारत (India) पहुंच गई है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार देश की वायु रक्षा क्षमताओं को एक बड़ा बढ़ावा देने के लिए, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) पंजाब क्षेत्र में तैनात कर रही है। पंजाब सेक्टर में तैनात यह स्क्वाड्रन सिस्टम पाकिस्तान और चीन दोनों देशों के हवाई हमलों से निपटने में सक्षम होंगी।
एएनआई के मुताबिक, रूसी मिसाइल प्रणाली के हिस्से इस महीने की शुरुआत में भारत पहुंचने लगे थे और अगले कुछ हफ्तों में इस इकाई के चालू होने की उम्मीद है। S-400 वायु रक्षा प्रणाली को भारत द्वारा लगभग 35,000 करोड़ रुपये के सौदे में अनुबंधित किया गया था। जिससे भारत को 400 किमी तक हवाई खतरों से निपटने के लिए पांच स्क्वाड्रन प्रदान किए जाएंगे। बता दें कि इस साल के अंत तक पहली स्क्वाड्रन डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है।
India deploys first S-400 air defence system in Punjab sector, to take care of aerial threats from both China, Pak
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— ANI Digital (@ani_digital) December 20, 2021
सूत्रों ने कहा कि, उपकरण को समुद्री और हवाई दोनों मार्गों से भारत लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, पहले स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद वायुसेना देश के भीतर कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पूर्वी सीमाओं पर ध्यान देना शुरू कर देगी।
उल्लेखनीय है कि, भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और कर्मचारियों को रूस में इस प्रणाली में प्रशिक्षित किया गया है। वायु रक्षा प्रणाली भारत को दक्षिण एशियाई आसमान में बढ़त दिलाएगी क्योंकि यह 400 किमी की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को मारने में सक्षम होगी। S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी की दूरी पर हमला कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि कठिन सौदेबाजी और बातचीत के कारण, भारत ने एस-400 की कीमत लगभग 1 अरब रुपये कम करने में कामयाब रहा।