नई दिल्ली: गलवान घाटी (Galvan Valley) में भारत और चीन (China) के सैनिकों के बीच हुई झड़प पर चीन के विदेश मंत्री के बयान को भारत (India) ने ख़ारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय के सचिव नारिंदम बागची ने शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कहा, “हम ऐसे बयानों को खारिज करते हैं। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में एलएसी (LAC) के साथ पिछले साल के घटनाक्रम के संबंध में हमारी स्थिति स्पष्ट और सुसंगत रही है।”
बागची ने कहा, “यह हमारे सभी द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन में यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी पक्ष के उत्तेजक व्यवहार और एकतरफा प्रयास थे, जिसके परिणामस्वरूप शांति और शांति में गंभीर गड़बड़ी हुई। इससे द्विपक्षीय संबंधों पर भी असर पड़ा है।”
समझौतों उल्लंघन से संबंधों पर असर
चीनी सेना द्वारा भारतीय जमीन पर किये अतिक्रमण पर विदेश सचिव ने कहा, “यह हमारे सभी द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन में यथास्थिति को बदलने के लिए चीनी पक्ष के उत्तेजक व्यवहार और एकतरफा प्रयास थे, जिसके परिणामस्वरूप शांति और शांति में गंभीर गड़बड़ी हुई। इससे द्विपक्षीय संबंधों पर भी असर पड़ा है।”
चीन करे समझौता का पालन
बागची ने कहा, “जैसा कि इस महीने की शुरुआत में चीनी विदेश मंत्री के साथ अपनी बैठक में विदेश मंत्री ने जोर दिया था, यह हमारी अपेक्षा है कि चीनी पक्ष द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करते हुए पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान की दिशा में काम करेगा।”
बता दें कि चीन ने पिछले साल जून में गलवां घाटी संघर्ष के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। इस संघर्ष में 20 भारतीय और चार चीनी सैनिक मारे गए थे। चीन ने कहा था कि नई दिल्ली ने सीमा संबंधी सभी समझौतों का उल्लंघन किया और चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण किया।