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    नई दिल्ली: इस साल छठ (Chhath Pooja) का पावन पर्व 10 नवंबर (10 November) को मनाया जाएगा। बिहार (Bihar) और पूर्वी उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के ज़्यादातर लोग इस पर्व को मनाने के लिए अपने पैतृक निवास जाना चाहते हैं, लेकिन इस दौरान ट्रैन (Train) में इतनी भीड़ हो जाती है, जिसकी वजह से रिजर्वेशन (Train Reservation) कन्फर्म होना बेहद मुश्किल हो जाता है। कई लोगों की एडवांस बुकिंग की वेटिंग भी क्लियर नहीं हो पाती है। जिसके चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में भारतीय रेलवे (Indian Railway On Chhath Pooja) ने छठ पूजा में अपने गांव जाने वालों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 

    रेलवे ने छठ महापर्व के लिए कई स्‍पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। जिससे गांव जाने वालों को ज़्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं, पहले से चल रहीं कई स्‍पेशल ट्रेनों के डिब्‍बे भी बढ़ा दिए गए हैं। ये ट्रेनें उत्‍तर प्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल समेत कई राज्‍यों को जाती हैं।उत्तरी रेलवे ने ट्वीट कर इस बारे में यात्रियों को जानकारी दी है।

    इन ट्रेनों में बढ़ाए गए कोच 

    नॉदर्न रेलवे ने ट्वीट कर सभी स्पेशल ट्रेनों की लिस्ट जारी की है। मेरठ सिटी-प्रयागराज संगम नौचंदी एक्सप्रेस और दिल्ली सराय रोहिल्ला- जम्मू तवी दुरंतो एक्सप्रेस में एक स्‍लीपर कोच बढ़ाया गया है। आनंद विहार-हल्दिया एक्सप्रेस में भी एक डिब्बा जोड़ा गया है। इसी तरह, आनंद विहार- बलिया सुपरफास्ट एक्सप्रेस में भी एक डिब्‍बा बढ़ाया गया है। नई दिल्ली-अमृतसर जंक्शन स्‍वर्ण शताब्‍दी में चेयर कार का एक डिब्बा और आनंद विहार-गाजीपुर सुहेलदेव एक्सप्रेस में स्लीपर का एक डिब्बा बढ़ाया गया है। इसके अलावा अमृतसर-न्यू जलपाईगुड़ी कर्मभूमि सुपरफास्ट क्लोन स्‍पेशल में सेकंड क्‍लास के तीन डिब्बे बढ़ाए गए हैं।

    रेलवे ने जारी किए स्पेशल ट्रेनों के लिस्ट 

    नॉर्दन रेलवे ने यह भी बताया है कि छठ पूजा त्योहार के मद्देनजर रेल यात्रियों के सुविधाजनक आवागमन के लिए कई त्योहार स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जाएंगी। रेलवे ने इसकी पूरी लिस्ट जारी की है।

    स्टेशन पर है यात्रियों की भारी भीड़ 

    इसके अलावा छठ पूजा में घर जाने वालों की भीड़ स्टेशन पर भी देखी जा रही है। लोग रिजर्वेशन लेने के लिए टिकट काउंटर के पास लाइन लगाकर खड़े हैं। जिसकी वजह से लोगों को काफी देर बाद टिकट मिल पा रही है। वहीं कई यात्री ऐसे भी हैं, जो अपने गांव के 100 से 200 किलोमीटर पहले स्टेशन की टिकट भी लेने को तैयार है।