नई दिल्ली: देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में धीमी पड़कर 8.4 प्रतिशत रही। मुख्य रूप से तुलनात्मक आधार का प्रभाव कम होने से वृद्धि दर की रफ्तार धीमी हुई है।
मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही थी। वहीं पिछले साल अपैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में 24.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
GDP at Constant (2011-12) Prices in Q2 2021-22 is estimated at Rs 35.73 lakh crores, as against Rs 32.97 lakh crores in Q2 2020-21, showing a growth of 8.4% as compared to 7.4% contraction in Q2 2020-21: Ministry of Statistics & Programme Implementation pic.twitter.com/wmYdNrjbIa
— ANI (@ANI) November 30, 2021
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में 7.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी के 2021-22 की अप्रैल-सितंबर अवधि में 68.11 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो पिछले साल इसी अवधि में 59.92 लाख करोड़ रुपये था।
इस तरह यह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 13.7 प्रतिशत की वृद्धि को बताता है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसमें 15.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। सरकार ने पिछले साल कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ लगाया था। चीन की वृद्धि दर 2021 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.9 प्रतिशत रही। (एजेंसी)