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Pic: ANI

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    नई दिल्ली. आज उत्तराखंड (Uttrakhand) के सीमांत जिले चमोली (Chamoli) के औली (Auli) में भारतीय और अमेरिकी सेना का संयुक्त युद्ध अभ्यास चल रहा है। यहां यह दोनों देशों की संयुक्त सेना रूस के एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर के जरिए जमकर युद्ध अभ्यास कर रही है। इसी युद्ध अभ्यास में सेना ऊंचाई वाले इलाके में हेली बॉर्न ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।

    जानकारी दें कि, हेली बॉर्न सेना के लिए काफी अहम ऑपरेशन माना जा रहा है। इस ऑपरेशन में फौजी हेलीकॉप्टर से निश्चित जगह पर रस्सियों के साहरे उतरते हैं। 26 नवंबर 2008 को मुंबई के ताज होटल में आतंकी हमले के बाद कार्रवाई इसी तकनीक से ही की गई थी।

    अब बाज ‘अर्जुन’ रखेगा ‘ड्रोन’ पर नजर 

    इसके साथ ही आज इस भारत-अमेरिका युद्धाभ्यास में ड्रोन का शिकार करने के लिए भारतीय सेना ने अपना प्रशिक्षित बाज ‘अर्जुन’ को भी दिखाया। गौरतलब है अब भारतीय सेना ‘बाज’ प्रजाति के शिकारी पक्षियों को ट्रेन कर रही है। इनका मुख्य मकसद ड्रोन को नष्ट करना होगा। जनकारी दें कि यह सबसे तेज गति से उड़ने वाली पक्षी है। बाज उड़ने के साथ-साथ तेज गति से दौड़ भी सकता है। इसकी बहुत सारी खासियत है जैसे कि उनका वजन लगभग 1 Kg से 6 kg तक तथा इससे ज्यादा भी हो सकता है।

    क्या है इसकी खासियत 

    इसके शरीर की लंबाई 15 से 23 इंच के आसपास तथा उसके पंखों की लंबाई 30 से 45 इंच के आसपास नॉर्मली होती है। सबसे  बात यह  है कि यह चिड़िया इंसानों से ज्यादा तेज नजर वाली होती है। मतलब इंसानों से ज्यादा तेज देखने की क्षमता होती है। यह मांसाहारी पक्षी की श्रेणी में आता है। जिसका भोजन मुख्यता चिड़िया, कबूतर, खरगोश, मेंढक, मछली इत्यादि है।यह शानदार पक्षी करीब 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यह उड़ भी सकता है। जिसके चलते यह आसानी से दुश्मन देशों के ड्रोन पर नजर और जरुरत पड़ने पर इन्हें नष्ट भी कर सकता है।

    गौरतलब है कि अमेरिकी सेना के साथ भारतीय सेना का ये युद्ध अभ्यास चीन से लगे जिले चमोली में हो रहा है, जहां दोनों देशों की सेना संयुक्त रूप से युद्ध अभ्यास कर रही हैं, वहां से चीन बॉर्डर करीब 100 किमी दूर है। इतने ऊंचे इलाके में भारतीय सेना पहली बार किसी मित्र देश की सेना के साथ मिलिट्री एक्सरसाइज कर रही है।