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    नई दिल्ली. आखिरकार उत्तराखंड कॉडर की महिला IPS ज्योति एस बलूर (IPS Jyotee Balur)  की गिरफ्तारी की फाइल गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने गृह मंत्रालय को भेज ही दी है। दरअसल बीते कुछ समय से कई बार रेड कॉर्नर और लुकआउट नोटिस जारी होने के बाद भी इस IPS अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं हो पाने की दशा में कोर्ट ने यह बड़ी कार्रवाई की है। 

    26 साल से है गायब 

    दरअसल फिलहाल लंदन में सेटल हो चुकी इस महिला IPS के खिलाफ गाजियाबाद के भोजपुर थाना क्षेत्र में करीब 26 साल पहले एक फर्जी मुठभेड़ का संगीन आरोप है। वहीं इस मामले में उसे पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।

    इस मामले में CBI कोर्ट ने पिछले साल ही IPS ज्योति के खिलाफ कुर्की वारंट जारी किया था। वहीं 2 महीने पहले रेड कार्नर और लुकआउट नोटिस भी जारी हुआ था। लेकिन इन सबके बावजूद CBI तो एक तरफ, इंटरपोल भी इस IPS अधिकारी पर हाथ नहीं डाल सकी है। जबकि सूत्रों और दावों के अनुसार वह फिलहाल लंदन की एक यूनिवर्सिटी में बतौर गेस्ट फेकेल्टी छात्रों को पुलिसिंग पढ़ा रही हैं। 

    SSP रहते किया था फर्जी एनकाउंटर 

    मामले पर केस डायरी के मुताबिक गाजियाबाद में सहायक पुलिस अधीक्षक मोदीनगर रहते IPS ज्योति एस बलूर ने इस फर्जी एनकाउंटर को अंजाम दिया था। वह तारीख 8 नवंबर 1996 की थी। जब गाजियाबाद के भोजपुर थाना पुलिस ने चार युवकों जलालुद्दीन, जसबीर, अशोक और प्रवेश को पकड़ कर रखा था, जिन्हें बाद में दौड़ा-दौड़ा कर गोली मार दिया गया। मामले पर तब आरोप लगे कि, पुलिस ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की धुन में  इन चारों युवकों की हत्या की है। इस फर्जी मुठभेड़ पर बाद में खूब सवाल उठे। आखिर काफी किरकिरी होने के बाद राज्य सरकार ने फिर 7 अप्रैल 1997 को मामले की जांच के लिए CBI को कहा था।

    खुद IPS ज्योति ने मारी थी गोली

    CBI के आरोप पत्र के मुताबिक, एक युवक जसबीर सिंह को लगी गोलियों में से एक गोली तत्कालीन IPS ज्योति एस बलुर के सरकारी पिस्टल से ही चली थी। हालांकि तब CBI ने इस आरोप पत्र में उनका नाम नहीं डाला, कारण बताया गया कि, घटना वाले वह गाजियाबाद में मौजूद ही नहीं थीं। लेकिन अब चूंकि पिस्टल ज्योति के नाम पर आवंटित थी और फोरेंसिक जांच में इसी पिस्टल से गोली चलने की पुष्टि हुई। लिहाजा गाजियाबाद की CBI कोर्ट ने उन्हें आरोपी बनाते हुए 14 सितंबर 2007 को वारंट जारी किया।

    IPS ज्योति अब गायब 

    इसी बीच IPS ज्योति एस बलुर स्टडी लीव पर विदेश चली गई और वहीं सेटल हो गई। इधर उनका स्टडी लीव 1 अक्टूबर 2005 को ही खत्म हो गया। तब से वह CBI की नजर में लापता हैं। इधर, CBI कोर्ट ने फरवरी-2016 में चारों युवकों की हत्या के जुर्म में यूपी के चार पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुना चुकी है।