फाइल फोटो
फाइल फोटो

    Loading

    नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए कृषि क्षेत्र से विनिर्माण क्षेत्र की ओर जाना बेहद महत्वपूर्ण है, जिसने विशेष रूप से पिछले तीन वर्षों के दौरान केंद्र शासित प्रदेश ने तेजी से आर्थिक विकास और निवेश की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

    जितेंद्र सिंह ने शहरी निकायों के लिए आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के छोटे और मझोले शहर, विशेष रूप से कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, बुनाई उद्योग और सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के विकास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नगरपालिका के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

    प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री और कार्मिक एवं लोक शिकायत राज्य मंत्री ने कहा कि ये कदम राज्य की आर्थिक रूपरेखा में बदलाव लाएंगे और विनिर्माण और सेवाओं में रोजगार के अधिक अवसर सृजित करेंगे।  जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए बड़ी योजनाएं हैं और उसी के अनुसार 74वें संविधान संशोधन अधिनियम के अंतर्गत शहरी स्थानीय निकायों की स्थापना की गयी है।

    उन्होंने कहा कि निर्वाचित निकायों के साथ, भारत सरकार के शहरी मिशनों जैसे बुनियादी ढांचे के विकास, जीवन की गुणवत्ता में सुधार, पर्यावरण, आवागमन, पानी और स्वच्छता को लागू करने से पूर्ण रूप से विकास होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2011 में जम्मू-कश्मीर में 27 प्रतिशत शहरी आबादी थी और यह शहरीकरण के आधे रास्ते की ओर बढ़ने की चुनौती है, जिसका अर्थ है आने वाले दशकों में उद्योगों और निवेश पर अधिक ध्यान देना होगा।

    इस यात्रा प्रक्रिया का अर्थ है कि हमारे शहरी मिशनों द्वारा शुरू की गई नगरपालिका सेवाओं और बुनियादी ढांचे के लिए शहरी क्षेत्र के सुधारों को प्रभावी ढंग से तेज करना है। जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के शहरी स्थानीय निकायों के महापौरों/अध्यक्षों और नगर आयुक्तों/मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के लिए शहरी प्रशासन पर अनुकूलन कार्यशाला/कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। (एजेंसी)