Hemant Soren
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    रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राज्य में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्बाध और गुणवत्ता युक्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। 

    उन्होंने कहा कि बिजली आज की नितांत आवश्यकता है। समय के साथ बिजली की खपत बढ़ती जाएगी। ऐसे में भविष्य में बिजली की जरूरतों और मांग का आकलन करते हुए बिजली उत्पादन बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विभाग सभी समुचित कदम उठाए। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ऊर्जा के गैर परंपरागत स्रोतों को विकसित करने का समय आ चुका है ऐसे में राज्य में सौर उर्जा और जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने विभाग से कहा कि जल विद्युत परियोजनाओं के लिए सभी जलाशयों का सर्वेक्षण करें और उसकी संभावित उत्पादन क्षमता को लेकर कार्य योजना तैयार करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली से होने वाला घाटा लगातार बढ़ रहा है। इसे पाटने की दिशा में विभाग यथोचित कदम उठाए। 

    इस मौके पर विभाग की ओर से बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में बिजली क्षेत्र में घाटा लगभग 2480 करोड़ रुपये रहा है। राज्य में वर्तमान में बिजली की औसतन मांग 2050 मेगावाट है जबकि अगले पांच सालों में 2900 मेगावाट और आने वाले दस सालों में 3440 मेगावाट बिजली की मांग होगी। 

    इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चैबे, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। (एजेंसी)