नई दिल्ली: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) राज आने के बाद बहुत से लोगों ने देश छोड़ दूसरे देशों में शरण ले रखा है। वहीं आज भी कई लोग अफगानिस्तान को छोड़कर भारत (India) का रुख कर रहे हैं। ऐसे में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारों (Gurudwara) और मंदिरों (Temple) में रखे धार्मिक ग्रंथों (Holy Books) को भी भारत सुरक्षित लाया गया है।
ग्रंथ दिल्ली पहुंचने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) इन्हें लेने एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने अपने सिर पर रखकर पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब (Sri Guru Granth Sahib) को लेकर गए। जिसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल (Viral Video) हो रहा है।
#WATCH | Union Minister Hardeep Singh Puri and BJP chief JP Nadda carry Guru Granth Sahib which has been brought by Sikh delegation from Kabul, Afghanistan this afternoon. The delegation has brought three Guru Granth Sahib with them. pic.twitter.com/2ckZFRd9oP
— ANI (@ANI) December 10, 2021
हरदीप सिंह पुरी और जेपी नड्डा (JP Nadda) का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो को देखकर हर कोई उनकी जमकर तारीफ कर रहा है। वहीं लोग भारत सरकार के इस काम की सराहना भी कर रहे हैं। जिस तरह से जेपी नड्डा ने ग्रंथ को अपने माथे पर रखा है वह लोगों को काफी पसंद आ रहा है। यह वीडियो सोशल मीडिया की हर साइट पर वायरल हो गया है।
इस वीडियो को देखकर सोशल मीडिया यूज़र्स ने काफी कमेंट्स भी किए हैं। कुछ यूज़र्स ने लिखा ‘सतनाम श्री वाहेगुरु’। वहीं कुछ लोगों ने ‘पंजाब इलेक्शन’ को बीच में लाते हुए सरकार पर तंज कसा है। लोगों का मानना है कि बीजेपी सरकार यह सब इसलिए कर रही है क्योंकि पंजाब में जल्द इलेक्शन आने वाले हैं और वह लोगों का दिल जीतकर वोट हासिल करना चाहती है।
बता दें कि, जिस विमान से यह ग्रंथ भारत लाए गए हैं, उसी विमान से 10 भारतीय नागरिकों समेत 104 लोगों को भी सुरक्षित निकाला गया। भारत सरकार ने यह स्पेशल फ्लाइट भेजी थी, जिसमें 104 लोगों का रेस्क्यू किया गया। साथ में कई पवित्र धार्मिक ग्रंथों को भी भारत सुरक्षित लाया गया। काबुल के ऐतिहासिक गुरुद्वारों में रखे 3 गुरु ग्रंथ साहिब को सिख प्रतिनिधिमंडल भारत लेकर आए हैं। वहीं उन्हें महावीर नगर स्थित अर्जन देव जी गुरुद्वारा जबकि हिंदू धार्मिक ग्रंथों को फरीदाबाद के आसामाई मंदिर ले जाया गया है।