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भोपाल, मध्यप्रदेश में राजननीतिक घमासान फिर अभी चरम पर है। इसका केंद्रबिंदु वह फ्लोर टेस्ट है जिसको लेकर कांग्रेस बीजेपी आमने सामने है।वहीं अब बीजेपी की मांग पर इस फ्लोर टेस्ट को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट

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भोपाल, मध्यप्रदेश में राजननीतिक घमासान फिर अभी चरम पर है। इसका केंद्रबिंदु वह फ्लोर टेस्ट है जिसको लेकर कांग्रेस बीजेपी आमने सामने है।वहीं अब बीजेपी की मांग पर इस फ्लोर टेस्ट को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की सम्भावना है। जहाँ बीजेपी को लगता है कि मध्य प्रदेश में कर्नाटक जैसी बात फिर होगी वहीं वर्तमान मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ऐसी कोई स्तिथि पैदा नहीं होने देना चाहते। 

जहाँ राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ को पत्र लिखकर आज ही फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है वहीं कमलनाथ इस बात पर अड़े हैं कि उनके पास बहुमत है सो उन्हें फ्लोर टेस्ट की जरुरत नहीं है। उन्होंने 16 विधायकों को भी सामने आने की बात रखी। आपको बता दें कि कल सुबह विधानसभा की कार्यवाही में राज्यपाल के भाषण के बाद विधानसभा को 26 मार्च तक कोरोना के चलते सतहजीत कर दी गयी थी। जिसके बाद बीजेपी सुप्रीम कोर्ट पहुँच गयी और अपने सभी 106 बीजेपी विधायकों की राजभवन में परेड भी करवायी। 

क्या है सत्ता के समीकरण?

अगर हम समीकरण देखें तो फ़िलहाल मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायकों की कुल मौजूदा संख्या 228 हैं जिमें से 6 विधायकों के इस्तीफे स्पीकर ने माना है जिसके चलते वर्तमान विधायक संख्या 222 है अब अगर आज फ्लोर टेस्ट हुआ तो बैंगलुरु में कांग्रेस के 16 बागी विधायक गायब रहेंगे हिस्से यह संख्या 206 हो जाएगी। फिर बहुमत आंकड़ा 104 हो जायेगा, ऐसे में बीजेपी अपने 107 विधायकों के साथ सरकार बनाने का दावा करेगी और कांग्रेस अपने 92 विधायकों के साथ सत्ता नहीं बचा पायेगी। 

वहीं कल बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपनी पार्टी की धड़कनें बढ़ा दी थी जब वे कमलनाथ से उनके घर जाकर मिले थे। इस मुलकात पर त्रिपाठी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से कुशलक्षेम पूछने चले गये थे और वह सभी से मिलते है इसमें नया कुछ भी नहीं है।