Kangra Co-operative Bank defrauded
Image Source: Socail Media

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नई दिल्ली: साइबर अपराधियों द्वारा कांगड़ा सहकारी बैंक (Kangra Co-operative Bank) को चूना लगाने का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बैंक द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, साइबर धोखाधड़ी (Cyber fraud) में भारतीय रिजर्व बैंक के पास कांगड़ा सहकारी बैंक के चालू खाते से 7.79 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। यह धोखाधड़ी लगातार तीन दिन के दौरान तीन अलग-अलग लेनदेन में की गई है। पहली बार 19 अप्रैल, 2023 को कांगड़ा सहकारी बैंक के खाते से राशि निकाली गई। चूंकि बैंक की वित्तीय निगरानी आरबीआई द्वारा की जाती है और चालू खाता भी नियामक के पास ही है। ऐसे में इस धोखाधड़ी को लेकर शीर्ष अधिकारी अंधेरे में हैं। 

अधिकारी यह नहीं पता लगा पाए हैं कि किस व्यक्ति ने यह पैसा निकाला है। हालांकि, कांगड़ा बैंक के अधिकारियों ने कहा कि वे उन खातों की पहचान कर सकते हैं जिनमें यह राशि स्थानांतरित की गई है। कांगड़ा बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक (आईटी) सहदेव सांगवान ने दिल्ली पुलिस(Delhi Police) से शिकायत की है जिसके आधार पर मई के पहले सप्ताह में प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच चल रही है। सांगवान ने अपनी शिकायत में कहा है कि कांगड़ा बैंक अपने ग्राहकों के लिए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस), नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (एनएसीएच), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, चेक ट्रंकेटेड सिस्टम जैसे बैंकिंग लेनदेन के लिए आरबीआई के पास चालू खाता रखता है। 

कांगड़ा बैंक और आरबीआई द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया के अनुसार, बैंक ने नियामक को एक स्थायी निर्देश जारी किया है कि वह चालू खाते से हर रोज चार करोड़ रुपये एक निपटान खाते में स्थानांतरित करे ताकि वह अपने ग्राहकों को आरटीजीएस और एनएसीएच लेनदेन की पेशकश कर सके। दिन के अंत में या अगले दिन की शुरुआत में आरबीआई पूरे दिन के लिए निपटान खाते में होने वाले सभी लेनदेन के विवरण के साथ बैंक को एक ईमेल भेजता है और कांगड़ा बैंक के अधिकारी इसका मिलान करते हैं। शेष राशि निपटान खाते से वापस चालू खाते में भेज दी जाती है। जांच से जुड़े सूत्रों ने कहा कि 20 अप्रैल, 2023 को जब आरबीआई ने निपटान खाते में 19 अप्रैल को किए गए सभी लेन-देन के लिए विवरण भेजा, तो कांगड़ा बैंक के अधिकारियों को कुछ असामान्य लगा। उन्होंने पाया किया कि निपटान खाते से 3.14 करोड़ रुपये से अधिक की राशि में से काफी कम चालू खाते में स्थानांतरित हुई है।

शिकायत के अनुसार, बैंक अधिकारियों ने सभी संबंधित अधिकारियों को सूचित किया लेकिन कोई भी इतनी बड़ी राशि का मिलान नहीं होने के कारण का पता नहीं लगा सका। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। अगले दो दिन में चालू खाते को 2.40 करोड़ रुपये और 2.23 करोड़ रुपये निपटान खाते में कम प्राप्त हुए। तीन दिन में कथित धोखाधड़ी करीब 7.79 करोड़ रुपये बैठती है। सांगवान ने शिकायत में कहा है कि कांगड़ा बैंक ने रिजर्व बैंक के संबंधित विभाग को इसकी जानकारी दी। इसके अलावा यह भी बताया कि अन्य बैंकों के किन खातों में यह 7.79 करोड़ रुपये की राशि स्थानांतरित हुई है। हालांकि, जिस व्यक्ति ने यह राशि निकाली है उसकी पहचान नहीं हो सकी है। दिल्ली पुलिस इसे साइबर हैकिंग का मामला मान रही है क्योंकि आरोपियों की जानकारी बैंक को नहीं है।(एजेंसी)