नई दिल्ली. जहां एक तरफ कंझावला केस (Kanjhawala Case) ने पुरे देश को हिला दिया है। वहीं इस केस में पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्नचिन्ह उठे हैं. इस बाबत बीते गुरूवार को गृह मंत्रालय ने इस सनसनीखेज मामले में बीते गुरूवार को दिल्ली पुलिस को तीन PCR वैन व दो पिकेट में ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मियों को निलंबित करने का निर्देश दिया था।
इसी क्रम में रोहिणी जिले के जिन 11 पुलिसकर्मियों (Delhi Police) को निलंबित किया गया है उनमें 2 सब इंस्पेक्टर, 4 असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, 4 हेड कांस्टेबल और 1 कांस्टेबल शामिल हैं. इनमें से 6 पीसीआर ड्यूटी पर थे और 5 घटना के दिन धरने पर थे।
Kanjhawala death case | The 11 Policemen of Rohini District that have been suspended include two Sub Inspectors, four Assistant Sub Inspectors, four Head Constables, and one Constable. Six of them were on PCR duty and five were at the picket on the day of the incident.
— ANI (@ANI) January 13, 2023
वहीं गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को पीसीआर वैन, जांच चौकी के पर्यवेक्षण अधिकारियों को अपना कर्तव्य निभाने में असफल रहने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया है। विशेष आयुक्त शालिनी सिंह की अध्यक्षता वाली जांच समिति द्वारा एक रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई।
इसके साथ ही कंझावला (Kanjhawala Case) में हुए अंजलि एक्सीडेंट (Anjali Accident) केस में आरोपियों पर हत्या की धारा भी लगाई जाने वाली है। दरअसल गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को इस केस में 302 की धारा जोड़ने का अहम निर्देश दिया है।
जानकारी हो कि, बीते 31 दिसंबर की रात करीब 1।30 बजे कंझावला इलाके में 20 साल की अंजलि का दर्दनाक एक्सीडेंट हुआ था। वहीं मामले पर पुलिस के मुताबिक अंजलि स्कूटी से घर लौट रही थी। तभी कार सवार 5 युवकों ने टक्कर मार दी थी। हादसे के बाद युवक कार लेकर भाग निकले। अंजलि कार के नीचे फंसी रही। उसे 12 किमी तक घसीटा गया।