KANJHAWALA-CASE
Pic: Social Media

    Loading

    नई दिल्ली: दिल्ली के कंझावला मामले में पुलिस आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा यानी 302 जोड़ दी है। दिल्ली जोन 2 के विशेष सीपी (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि, कंझावला मौत का मामले के सबूत इकट्ठा करने के बाद पुलिस ने धारा 304 आईपीसी के स्थान पर धारा 302 आईपीसी जोड़ दी है। इससे पहले पुलिस ने अदालत में मौखिक तौर पर बताया था। 

    एक और आरोपी को मिली जमानत 

    वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार (17 जनवरी) को आरोपी आशुतोष भारद्वाज को जमानत दे दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने सोमवार को भारद्वाज की जमानत पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायाधीश ने मंगलवार को कहा, ‘‘आरोपी को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दी जाती है।” न्यायाधीश ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि भारद्वाज की भूमिका अपराध होने के बाद शुरू हुई।

    इसके साथ ही रोहिणी कोर्ट ने शर्त लगाते हुए कहा कि, आरोपी बिना कोर्ट की इजाज़त के दिल्ली नहीं छोड़ेगा। कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, गवाहों से संपर्क नहीं करेगा।

    वहीं दिल्ली पुलिस ने आशुतोष की जमानत का विरोध किया था। पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए दलील दी थी कि ये केस गंभीर है और वे इस केस में धारा 302 (हत्या) लगाने के प्रोसेस में हैं। रोहिणी कोर्ट ने आरोपी आशुतोष भारद्वाज की जमानत याचिका पर बीते सोमवार (16 जनवरी) को फैसला सुरक्षित रखा था। 

    क्या है मामला 

    अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को 31 दिसंबर की देर रात को एक कार ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद वह कार में फंस कर सुल्तानपुरी से कंझावला के बीच 12 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक घसीटती चली गई। इस घटना में अंजलि की मौत हो गई थी। पुलिस ने 2 जनवरी को इस मामले में दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। एक अन्य आरोपी अंकुश ने छह जनवरी को आत्मसमर्पण कर दिया और अगले दिन जमानत पर रिहा हो गया।  जबकि अन्य आरोपियों को बीते 9 जनवरी को ही 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।