नई दिल्ली. जहां एक तरफ कर्नाटक (Karnatka) में कांग्रेस (Congress) की सत्ता में फिर जोरदार वापसी हुई है। वहीं बीते शनिवार को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले कांग्रेस नेता एमबी पाटिल (MB Patil) ने बीते सोमवार को बड़ा दावा किया है। दरअसल उनका साफ़ कहना है कि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी CM डीके शिवकुमार के बीच सत्ता शेयर करने का कोई निश्चित फॉर्मूला तय नहीं है।
मामले पर पाटिल ने साफ़ कहा कि, सिद्धारमैया अगले पांच साल के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे। ऐसे में अगर सत्ता की साझेदारी का समझौता होता तो पार्टी के वरिष्ठ नेता जरुर सूचित करते। ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। अगर ऐसा कोई प्रस्ताव होता, तो केसी वेणुगोपाल या AICC महासचिव भी सूचित करते।
Siddaramaiah will be the CM for five years. If there was a power-sharing agreement, senior leaders would have informed. There is no proposal like that. If there was such a proposal, KC Venugopal or AICC general secretary would have informed: Karnataka minister and Congress MLA MB… pic.twitter.com/XxrcuXhR86
— ANI (@ANI) May 23, 2023
जानकारी दें कि, कर्नाटक में मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने लंबे विचार-विमर्श और बैठकों के बाद सहमति बनाई थी। सीनियर लीडर सिद्धारमैया को CM और डीके शिवकुमार को डिप्टी CM बनाने की मंजूरी मिली थी। वहीं सूत्रों के अनुसार, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया के साथ सत्ता-शेयरिंग समझौते पर सहमति जताई थी। हालांकि, इसे लेकर अलग-अलग दावे भी किए गए थे।
वैसे भी राज्य में मुख्यमंत्री का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है। देखा जाए तो मुख्यमंत्री सरकार की ओर से कोई भी फैसला ले सकता है। वहीं विकास योजनाओं पर उसकी मुहर के बिना काम नहीं पूरा हो पाता। राज्य के सभी विभागों पर इसका नियंत्रण होता है। ऐसे में थोड़े समय के लिए इन सभी शक्तियों का अनुभव करने और महसूस करने के बाद, पद छोड़ने का विचार किसी को भी अच्छा नहीं लगता होगा। ऐसे में क्या भविष्य में कर्नाटक कांग्रेस फिर किसी बड़े अंदरूनी घमासान का साक्षी बनेगा, तह तो वक़्त ही बताएगा।