withdraw hijab ban in Karnataka educational institutions
हिजाब में छात्राओं की प्रतिकात्मक फोटो

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    मंगलुरु: कर्नाटक में हिजाब (hijab) पर विवाद सोमवार को फिर से बढ़ गया क्योंकि मंगलुरु विश्वविद्यालय की कुछ छात्राओं (students) ने दक्षिण कन्नड़ जिले (Kannada district) के उपायुक्त (DC) के पास जाकर परिसर में इसे हिजाब को पहनने की इजाज़त मांगी। शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने की शनिवार को फिर से मांग करने वाली 12 छात्राएं सोमवार को भी यूनिवर्सिटी कॉलेज आईं। छात्राओं के लिए ‘ड्रेस कोड’ होने की वजह से विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उन्हें शनिवार की ही तरह सोमवार को भी प्रवेश नहीं करने दिया। उन्हें जिले के उपायुक्त से संपर्क करने को कहे जाने पर पर तीन छात्राएं उनके कार्यालय गईं और एक ज्ञापन सौंपा।

    उपायुक्त डॉ राजेंद्र के वी ने कहा कि विश्वविद्यालय के सिंडिकेट ने हिजाब या भगवा स्कार्फ या ऐसा कोई कपड़ा जो शांति भंग (disturb the peace) कर सकता हो, उसकी अनुमति नहीं देने का फैसला किया है जिसके बाद कॉलेज के अधिकारियों ने उनके प्रवेश पर रोक लगा दी। उन्होंने उच्च न्यायालय के एक हालिया फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि हिजाब एक आवश्यक धार्मिक परंपरा नहीं है और उन कॉलेजों में ‘ड्रेस कोड’ का पालन किया जाना चाहिए जहां पोशाक निर्धारित की गई है।

    पत्रकारों से बात करते हुए, डॉ राजेंद्र ने कहा कि विश्वविद्यालय सिंडिकेट के आदेश से नाराज़ कुछ छात्राओं ने उनसे संपर्क किया। उन्होंने बताया, मैंने उनसे कहा कि मैं सिंडिकेट सदस्यों के निर्णय को जिला स्तर पर चुनौती नहीं दे सकता और आपको सिंडीकेट के आदेश और नियमों का पालन करना होगा। उन्हें कानूनी पहलुओं को भी देखना होगा।मैंने उनसे कॉलेज परिसर में शांति सुनिश्चित करने की भी अपील की है।’

    विश्वविद्यालय के कुलपति पी सुब्रह्मण्य यदापदिथया ने मंगलुरु प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि विश्वविद्यालय को उच्च न्यायलय और राज्य सरकार के आदेशों का पालन करना है। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी भी छात्रा को इसके क्रियान्वयन में कोई समस्या आती है, तो हम इस मुद्दे को हल करने के लिए गंभीरता से प्रयास करेंगे।’ छात्राओं का कहना है कि यह आदेश प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों के लिए है न कि डिग्री कॉलेजों के लिए। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी शनिवार को उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया था और कहा था कि सभी को निर्धारित पोशाक पहनने के नियम का पालन करना चाहिए। (एजेंसी)