Loudspeaker
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    नई दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार अब कर्नाटक सरकार (Karnatka Goverment) ने बीते 10 मई को लाउडस्पीकर/ पब्लिक एड्रेस सिस्टम (Loud Speaker) और आवाज करने वाले सभी उपकरणों को लेकर एक जरुरी दिशानिर्देश जारी किया है। इसके चलते अब जो लोग ऐसे आवाज वाले उपकरण का इस्तेमाल करते हैं उन्हें अगले 15 दिन के अंदर संबंधित अधिकारी से एक लिखित अनुमति लेनी होगी। साथ ही अब जिनके पास अनुमति नहीं होगी वे स्वयं 15 दिन के अंदर खुद से लाउडस्पीकर हटा दें अन्यथा समय सीमा के भीतर उसे प्रशासन द्वारा हटा दिया जाएगा।

    दरअसल, श्रीराम सेना, बजरंग दल और हिंदू जनजागृति समिति जैसे कुछ हिंदू समूहों द्वारा सुबह के समय अजान की तरह ही भजन कीर्तन आयोजित किये जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया था। ऐसे में इस तरह विवाद बढ़ता देख स्वयं CM बसवराज बोम्मई ने बीते सोमवार को एक बैठक बुलाई थी, जिसके बाद मुख्य सचिव ने पत्र लिखा।

    इस पत्र या दिशानिर्देश में मुख्य सचिव ने ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के कार्यान्वयन के संबंध में उच्चतम न्यायालय के 18 जुलाई 2005 और 28 अक्टूबर 2006 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि लाउडस्पीकर या सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का इस्तेमाल संबंधित प्राधिकारी की अनुमति के बिना न किया जाए। साथ ही पत्र में कहा गया है कि, “यह दिशानिर्देश उन सभी परिसरों पर लागू होते हैं जो लाउडस्पीकर और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं। सभी संबंधित प्राधिकारियों को तत्काल प्रभाव से इन्हें लागू करने के लिए आवश्यक सरकारी आदेश या निर्देश जारी किए जाएंगे।”

    इधर आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, कर्नाटक के पर्यावरण, पारिस्थितिकी व पर्यटन मंत्री आनंद सिंह ने साफ़ कहा कि सभी धार्मिक संस्थानों को अब यह नियम का पालन करना होगा। इस बाबत सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “यदि वे निश्चित समय के बाद प्रतिबंधों से संबंधित कानून तोड़ते हैं, तो कार्रवाई की जाएगी। यह दिशा-निर्देश मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों या किसी भी विवाह समारोह पर सामान रूप से लागू होते हैं। इन पाबंदियों का पालन करना होगा। यदि कोई स्थानीय निवासी शिकायत करता है, तो अवसह्य ही कार्रवाई की जाएगी।”