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Pic: ANI

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नई दिल्ली. आखिरकार कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnatka Elections 2023) के रिजल्ट आने के 7 दिन बाद यहां कांग्रेस सरकार का आज शपथ ग्रहण समारोह हो गया। इसी क्रम में आज बेंगलुरु के कांतिरावा स्टेडियम में दोपहर 12:30 बजे राज्यपाल थावरचंद गहलोत सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई। इसी के साथ आज डीके शिवकुमार डिप्टी CM और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक समेत 8 MLA आज मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं।

वहीं आज सिद्धारमैया मुख्यमंत्री और और डीके शिवकुमार डिप्टी CM पद की शपथ लेने के साथ ही 8 विधायकों को भी कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई जा रही है। इनमें डॉ.जी परमेश्वर, केजे जॉर्ज, के एच मुनियप्पा, सतीश जरकीहोली, जमीर अहमद, देशपांडे की जगह रामलिंगा रेड्डी, मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे और एम बी पाटिल के नाम प्रमुखता से शामिल हैं। 

आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए बेंगलुरु पहुंच गए थे। हालांकि वहीं  इस  शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया गांधी शामिल नहीं हो पायीं। इनके अलावा कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़ के CM भूपेश बघेल, राजस्थान के CM अशोक गहलोत, हिमाचल प्रदेश के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी इनवाइट किया गया था।

हालांकि कर्नाटक कांग्रेस ने शपथ समारोह के लिए जिन नेताओं को न्योता नहीं दिया है उनमें BJP, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP), ओडिशा के CM नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD), तेलंगाना के CM के चंद्रशेखर राव की पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS),आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री YS जगनमोहन रेड्‌डी की पार्टी (YSR कांग्रेस), केरल के CM पी विजयन भी शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि, शिवकुमार फिलहाल 50-50 फॉर्मूले पर राजी हुए हैं। पहले ढाई साल सिद्धारमैया CM रहेंगे और बाद के ढाई साल डीके। यानी डीके  शिवकुमार लोकसभा चुनाव के बाद 2025 में मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि तब कर्नाटक का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसका नाम अभी भी तय नहीं है।

जानकारी हो कि, बीते शनिवार को हुई मतगणना में कर्नाटक की 224 सीटों में से कांग्रेस को 135, भाजपा को 66, जनता दल एस को 19 और अन्य को 4 सीट मिली थीं। वहीं बहुमत मिलने के बाद कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार के समर्थक उनको मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। हालांकि कांग्रेस की पहली पसंद सिद्धारमैया ही थे।