
नयी दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejeriwal) भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित कम लागत वाली एक तकनीक पर चर्चा करने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) से शुक्रवार को मुलाकात करेंगे, ताकि फसल अवशेषों का प्रबंधन किया जा सके।
संस्थान के वैज्ञानिकों ने ‘डिकम्पोजर कैप्सूल’ विकसित किया है। चार कैप्सूल, थोड़ा गुड़ और चने का आटा 25 लीटर घोल बनाने के लिए काफी हैं। घोल की इतनी मात्रा एक हेक्टेयर भूमि के लिए पर्याप्त है। केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा था कि इस घोल को पराली पर डाला जा सकता है। इसके बाद पराली नरम पड़ जाती है और करीब 20 दिन में गल जाती है। इससे उर्वरकों का इस्तेमाल कम होगा तथा मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी।