Kerala court dismisses plea to remove photo from PM Modi's vaccination certificate, fined petitioner
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    कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय बुधवार को दुष्कर्म की एक और नाबालिग पीड़ित की मदद के लिए आगे आया और उसे गर्भपात कराने की अनुमति दे दी। उच्च न्यायालय द्वारा पिछले एक हफ्ते में दिया गया यह ऐसा तीसरा आदेश है। ऐसा पहला आदेश 14 सितंबर को पारित किया गया था। पहले के दोनों मामलों में पीड़िताएं 26 हफ्तों से ज्यादा की गर्भवती थी और चिकित्सा बोर्ड की अनुशंसा के आधार पर गर्भपात की अनुमति दी गयी।  

    मौजूदा मामले में 16 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता आठ हफ्तों की गर्भवती है और उसे अदालत का रुख इसलिए करना पडा क्योंकि निजी अस्पताल ने गर्भपात करने से इनकार कर दिया था। सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि मौजूदा मामले में अदालत की अनुमति की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि ‘मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट’ के तहत 12 हफ्तों से कम गर्भ का समापन चिकित्सक कर सकता है अगर उसकी यह राय है कि गर्भावस्था जारी रखने से पीड़िता के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचेगा।

     

    इसके बाद उच्च न्यायालय ने लड़की के पिता को गर्भपात के लिए आदेश की एक प्रति के साथ सरकारी अस्पताल जाने का निर्देश दिया और याचिका का निस्तारण कर दिया। (एजेंसी)