नई दिल्ली: केरल की सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाई एसएफआई (SFI ) के छात्रों के प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। क्योंकि, कुछ प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय कथित रूप से प्रवेश किया और उसमें तोड़फोड़ (Rahul Gandhi’s Office Vandalized) की। भारतीय युवा कांग्रेस ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि, राहुल गांधी के वायनाड कार्यालय की दीवार पर चढ़कर गुंडों ने एसएफआई के झंडे पकड़ लिए और तोड़फोड़ की।
समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के हवाले से कहा, “आज दोपहर करीब 3 बजे, एसएफआई कार्यकर्ताओं और नेताओं के एक समूह ने वायनाड के सांसद राहुल गांधी के कार्यालय पर जबरदस्ती कब्जा कर लिया। उन्होंने कार्यालय के लोगों और सांसद राहुल गांधी के कर्मचारियों पर बेरहमी से हमला किया। हमें इसका कारण नहीं पता।”
#WATCH | Kerala: Congress MP Rahul Gandhi's office in Wayanad vandalised.
Indian Youth Congress, in a tweet, alleges that "the goons held the flags of SFI" as they climbed the wall of Rahul Gandhi's Wayanad office and vandalised it. pic.twitter.com/GoCBdeHAwy
— ANI (@ANI) June 24, 2022
वेणुगोपाल राव ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ और आरोप लगाया कि यह सीपीएम नेतृत्व की स्पष्ट साजिश है। कांग्रेस नेता ने कहा, “पिछले 5 दिनों से ईडी उनसे पूछताछ कर रही है, उसके बाद मुझे नहीं पता कि केरल सीपीएम नरेंद्र मोदी पर हमला करने के रास्ते में क्यों आ रही है। मुझे लगता है कि सीताराम येहुरी आवश्यक कार्रवाई करेंगे।”
इस पर राव ने कहा, “वे कह रहे हैं कि वे बफर जोन मुद्दे के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। मुझे नहीं पता कि इस मुद्दे में राहुल गांधी की क्या भूमिका है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अगर उस मुद्दे में कुछ भी करने योग्य हो सकता है, तो वह केरल के मुख्यमंत्री द्वारा किया जा सकता है।”
अब तक उनमें से आठ हिरासत में
वहीं, पुलिस ने कहा कि, विरोध मार्च में लगभग 100 स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ता शामिल थे और वे कार्यालय में घुस गए। पुलिस ने बताया, “लगभग 80-100 कार्यकर्ता थे। अब तक उनमें से आठ हिरासत में हैं। अधिक पुलिस तैनात की गई है।”
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
वहीं,केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने कहा, राहुल गांधी के कार्यालय पर हुए अपराध की कड़ी निंदा करते हैं। हमारे देश में, सभी को अपनी राय रखने और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने का अधिकार है। हालांकि, इसका परिणाम अधिक नहीं होना चाहिए। यह गलत प्रवृत्ति है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।