न्यू ईयर पर उज्जैन में महाकाल तो मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी देवी धाम में उमड़ेगा भक्तों का सैलाब, चरण स्पर्श का नहीं मिलेगा मौका

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    उज्जैन/मिर्जापुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन में प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar temple) में नए साल के अवसर पर महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए शनिवार से सोमवार तक तीन दिन में करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। वहीं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मिर्जापुर जिले स्थित विंध्याचल धाम (Vindhyachal Dham) में नव वर्ष के अवसर पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए आगामी दो जनवरी तक मां विंध्यवासिनी देवी के चरण स्पर्श की सुविधा बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

    मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी (RK Tiwari) ने बताया कि महाकालेश्वर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। भक्तों को परामर्श देने के लिए छह सहायता केंद्र बनाए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा टीम और एम्बुलेंस का प्रबंध किया गया है। श्रद्धालुओं को अपने जूते, मोबाइल, बैग आदि चीजें रखने की सुविधा देने के लिए मंदिर के बाहर काउंटर बढ़ा दिए गए हैं। 

    भक्तों के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी की गई है। महाकालेश्वर मंदिर में तड़के चार बजे से सुबह छह बजे तक भस्म आरती का आयोजन किया जाता है। मंदिर रात दस बजे तक श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए खुला रहता है और पूजा के बाद रात को 11 बजे बंद हो जाता है।  

    विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज मिश्र (Pankaj Mishra) ने शनिवार को बताया कि नव वर्ष के मौके पर करीब चार लाख लोग मां विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए आएंगे। यह संख्या बढ़ भी सकती है। भगदड़ जैसी घटनाओं और अन्य अव्यवस्थाओं से बचने के लिए 31 दिसंबर से दो जनवरी तक मां का चरण स्पर्श बंद रहेगा।

    जिलाधिकारी दिव्या मित्तल (Divya Mittal) ने इस साल भी नव वर्ष के अवसर पर विंध्यवासिनी धाम में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ होने की सं‍भावना को देखते हुए 31 दिसंबर से आगामी दो जनवरी तक विंध्याचल और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने तथा श्रद्धालुओं को सुचारू रूप से दर्शन उपलब्ध कराने के लिए जोनल तथा सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती करने का फैसला किया है।  पहले इस तरह की व्यवस्था नवरात्र में की जाती थी। नव वर्ष पर ऐसा पहली बार किया जा रहा है।