PATOLE--DESHMUKH
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    नई दिल्ली/मुंबई. लगता है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस इस समय अंदरूनी विवोदों के चलते परशान है। इसी क्रम में अब आज कांग्रेस के पूर्व विधायक आशीषराव आर देशमुख और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के बीच बढ़ चुके विवाद पर भी मुहर लग चुकी है। जिससे साफ़ पता चलता है कि, इन दोनों नेताओं के बीच विवाद अब अपने चरम पर है। जिसका नुक्सान पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।

    देशमुख के पटोले पर आरोप 

    वहीं आज कांग्रेस के पूर्व विधायक आशीषराव आर देशमुख ने कहा कि, “मैंने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखा और AICC कार्यालय में उनसे मुलाकात भी की। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले का महाराष्ट्र में पिछले कुछ वर्षों में पार्टी के विभिन्न नेताओं और कार्यकर्ताओं के व्यवहार पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।” 

    इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, “समय पर निर्णय नहीं लिए जाने के कारण कांग्रेस को महाराष्ट्र में रोज नए अपमान का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस भी चाहे तो महाराष्ट्र को मजबूत कर सकती है लेकिन पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की कमजोरियों से ऐसा नहीं हो रहा है। इसलिए, मल्लिकार्जुन खड़गे से मैंने नाना पटोले की जगह लेने का अनुरोध किया है।” 

    पटोले कांग्रेस के बद्दतर हाल के जिम्मेदार :देशमुख 

    इसके साथ ही अब बीते फरवरी 2021 में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने वाले नाना पटोले को देशमुख ने पार्टी में अराजकता के लिए भी जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया- डॉ। सत्यजीत तांबे (नासिक में) द्वारा हाल ही में की गई बगावत से कांग्रेस की जमकर बदनामी हुई है। पटोले के कार्यकाल के दौरान, पार्टी अनेकों बार लगातार उथल-पुथल का सामना कर रही है। विदर्भ (जहां से खुद पटोले आते हैं) को कभी कांग्रेस के गढ़ के रूप में जाना जाता था, लेकिन यह भी हाथों से अब फिसल चूका है।

    इसके साथ ही देशमुख ने कहा कि पटोले को राज्य में कांग्रेस को नंबर 1 बनाने के दावों के बीच पार्टी प्रमुख बनाया गया था, लेकिन आज पार्टी राज्य में नंबर 4 की स्थिति में आ गई है, और अब बालासाहेबंची शिवसेना (BSS) के साथ, इसे नीचे धकेल कर नंबर 5 पर भी लाया जाएगा। वहीं अब आगामी 30 जनवरी को MLC के चुनावों पर, डॉ। देशमुख ने चेतावनी दी कि, इसके परिणाम विधान परिषद के सभापति के चुनाव पर भी असर डाल सकते हैं।