मुंबई: पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा (Maharashtra Karnataka Border) को लेकर विवाद चल रहा है। इस विवाद को लेकर दिल्ली में बुधवार शाम एक अहम बैठक हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों को बुलाया और उनसे इस मुद्दे पर चर्चा की।
इसके बाद मीडिया से बात करते हुए अमित शाह ने संदेह जताया कि फेक ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट्स ने तनाव बढ़ाने में योगदान दिया है। तो वास्तव में दोनों राज्यों के बीच संघर्ष का कारण कौन था? वास्तव में इन फर्जी खातों को कौन चला रहा है? ऐसी चर्चा शुरू हो गई है। जहां विपक्ष पर भी आरोप लग रहे हैं। इसी बीच एनसीपी के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने मीडिया से बात करते हुए अपना पक्ष स्पष्ट किया है।
अजित पवार (Ajit Pawar) ने कहा, “कल दिल्ली में जो चर्चा हुई उसके पीछे कौन है? ऐसा क्यों हुआ? किसने जानबूझकर खबर छोड़ी? इससे लोगों की भावनाएं आहत हुईं। यह सब कुछ लोगों की भावनाओं के भड़कने के कारण हुआ। कुछ लोग सोचते हैं कि यह विपक्ष द्वारा किया गया था। हम स्पष्ट कहते हैं कि हम हमेशा इस दृष्टिकोण को बनाए रखते हैं कि राज्य की एकता प्रभावित न हो। फिर भी, अगर केंद्र को कोई संदेह है, अगर दोनों राज्यों के प्रमुखों को संदेह महसूस होता है, तो इस बात का दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, ‘यदि वास्तव में इस सबके पीछे कोई मास्टरमाइंड है तो उसे सामने आना चाहिए। मेरा मानना है कि अगर बोम्मई ने ऐसा बयान नहीं दिया होता तो यह विवाद इतना नहीं बढ़ता। उनके इस बयान से सीमावर्ती इलाकों के नागरिकों में यह भावना पैदा हुई कि वह राज्य की पहचान को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। मेरी राय है कि यह सब उसी वजह से हुआ।”