MANIPUR

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नई दिल्ली.  जहां एक तरफ मणिपुर में बीते 3 मई से से चली आ रही हिंसा (Manipur Violence) अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है।  वहीं राज्य में इस हिंसा को कंट्रोल करने के लिए फिलहाल कई जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है।  यहां अब इंटरनेट पर भी बैन लगा हुआ है।  इसके साथ ही अब केंद्र सरकार शांति बहाली के लिए सेना को मोर्चे पर लगा रखी है।  

जब 12 उग्रवादियों को महिलाओं ने छुड़ाया

लेकिन इन सबके बीच बीते शनिवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला।  दरअसल यहां सुरक्षाबलों को कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 उग्रवादियों को बेकाबू भीड़ के चलते मजबूरन छोड़ना पड़ गया। 

जानकारी के अनुसार सुरक्षा बलों ने KYKL के 12 उग्रवादियों को एक गांव में घेर लिया था।  इसके पहले वे आगे कुछ कर पते तभी महिलाओं की अगुवाई में करीब 1500 लोगों की भीड़ यहां सामने आई गई।  इस बड़ी भीड़ को देखते हुए मजबूरीवश यहं सुरक्षाबलों को उन 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा गया था।  

12 उग्रवादियों में तम्बा भी था शामिल 

मिली खबर के अनुसार 12 उग्रवादियों में मोइरंगथेम तम्बा उर्फ ​​उत्तम भी शामिल था।  बता दें की, यह तम्बा साल 2015 में हुए उस हमले का मास्टरमाइंड भी रहा था जिसमें सुरक्षा बलों के 18 जवानों की दर्दनाक मौत हुई थी। 

इधर मामले पर इम्फाल में डिफेंस PRO के अनुसार, सुरक्षा बलों के जवानों ने भीड़ को हटने के लिए बार-बार अपील की थी।  लेकिन वे लोग जब पीछे नहीं हटे।  तो अंत में मजबूरन उन 12 दुर्दांत उग्रवादियों को छोड़ना पड़ गया।  हालांकि, इसके पहले सुरक्षाबलों ने उग्रवादियों के पास से मिले बड़ी मात्रा में हथियार को जब्त कर लिया था।  हालांकि यह पहली बार नहीं है जब यहां उग्रवादियों को बचाने के लिए महिलाएं सामने आई हो।  इससे पहले भी ऐसा मामला सामने आया था। 

जब CBI भी हुई थी असहाय 

जी हां, ऐसे ही बीते 22 जून को महिला प्रदर्शनकारियों के नेतृत्व में भीड़ ने CBI की एक टीम का रास्ता रोक दिया था।  दरअसल यह टीम हथियारों की लूट की जांच के लिए मणिपुर पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में एंट्री करने ही जा रही थी।  वहीं बीते 23 जून को सेना ने एक ट्वीट करते हुए बताया था कि, महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों को उस इलाके में जाने से रोक दिया जहां से हथियारों से लैस बदमाश ऑटोमेटिक बंदूकों से बेलगाम फायरिंग कर रहे थे।