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गुवाहाटी: ‘‘क्या असम पुलिस (Assam Police) भारत में अल्पसंख्यकों की कथित असुरक्षा पर टिप्पणी के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) को गिरफ्तार करेगी”, इस विषय पर एक सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा (Himant Biswa Sarma) ने शुक्रवार को दावा किया कि “भारत में कई हुसैन ओबामा है” और उन लोगों से निपटना उनकी प्राथमिकता होगी।

भारत में ही कई हुसैन ओबामा: हिमंत विश्व शर्मा

उन्होंने कहा कि असम पुलिस अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार कार्रवाई करेगी। भाजपा नेता ने एक प्रमुख पत्रकार की पोस्ट साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा, “भारत में ही कई हुसैन ओबामा हैं। वाशिंगटन जाने के बारे में विचार करने से पहले हमें उन पर गौर करने को प्राथमिकता देनी चाहिए। असम पुलिस अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर कार्रवाई करेगी।”

ट्वीट में पूछा गया था कि क्या असम पुलिस पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने के लिए अमेरिका जाएगी? पत्रकार ने लिखा, “भावनाएं आहत करने के लिए क्या ओबामा के खिलाफ गुवाहाटी में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है? क्या असम पुलिस ओबामा को किसी उड़ान से उतारने और गिरफ्तार करने के लिए वाशिंगटन जा रही है?”

यह ट्वीट स्पष्ट रूप से असम में विपक्षी नेताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संदर्भ में था। देश के विभिन्न हिस्सों में उनकी टिप्पणियों को लेकर असम में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। असम पुलिस ने विभिन्न स्थानों की यात्रा की और यहां तक कि गिरफ्तारियां भी कीं। इनमें फरवरी में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को विमान से उतारना और उन्हें गिरफ्तार करना तथा पिछले साल गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार करना शामिल है।

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कसा तंज

हिमंत बिस्वा सरमा के ट्वीट को शेयर करते हुए कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत तंज कसा, ”मेरे मित्र बराक अब हुसैन ओबामा हो गए! वास्तव में हिमंत ने उसका उत्तर दिया है जो पीएम मोदी से व्हाइट हाउस में पूछा गया था। उनका इशारा- राष्ट्रपति ओबामा के एक मुस्लिम होने पर और भारतीय मुसलमानों को एक पाठ पढ़ाए जाने की जरूरत के बारे में- प्रश्न का आधार था। इस पर प्रधानमंत्री, विदेश मंत्रालय और भारत सरकार का क्या रुख है?”

ओबामा ने क्या कहा था?

ओबामा ने बृहस्पतिवार को ‘सीएनएन’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, “यदि (अमेरिकी) राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी से मिलते हैं, तो हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का उल्लेख करना उचित है। अगर मेरी प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत हुई, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग-थलग होने लगेगा।” (भाषा इनपुट के साथ)