GST Petrol

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    लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक (45th GST Council Meeting) संपन्न हुई। बैठक में पेट्रोल और डीजल को GST (Petrol Diesel Under GST) के दायरे में लाने को लेकर चर्चा हुई, लेकिन इसका कई राज्यों ने विरोध किया है। जिसमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य शामिल है।

    बता दें कि वर्तमान में देश के कई राज्यों पेट्रोल 110 और डीजल 100 रूपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुका है। जिससे आम आदमी का बजट बिगड़ गया है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने की मांग उठ रही हैं। अगर पेट्रोल-डीजल GST के दायरे में आता है तो पेट्रोल 28 रूपये और डीजल 25 रूपये तक सस्ता हो सकता है।

    आम आदमी लगातार महंगाई की मार झेल रहा है। ऐसे में अब कई राज्यों ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है। उन्होंने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का विरोध किया है। राज्यों को उनके राजस्व में घाटा होने का डर है। यही कारण है कि कई राज्य इसके विरोध में है।

    पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के विरोध में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल समेत कई राज्य शामिल है। इन सभी राज्यों ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे के बाहर रखने को कहा है। ऐसे में यह प्रस्ताव खारिज हो सकता है।