नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग के चलत मेडिकल छात्रों (Ukraine War-Medical Students) के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई है। हालांकि मेडिकल छात्रों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। बताना चाहते हैं कि नेशनल मेडिकल कमीशन ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि यूक्रेन से वापस भारत लौटे छात्र अब यहां अपनी एक साल की इंटर्नशिप को पूरा कर सकते हैं।
ज्ञात हो कि एनएमसी का यह फैसला मेडिकल छात्रों के लिए बड़ा राहत भरा है। सर्कुलर में लिखा गया है कि यूक्रेन से भारत लौटे छात्र यहीं अपनी एक साल की इंटर्नशिप कर सकते है। इसके लिए कोविड या युद्ध के समय चीजें काबू में न रहने का हवाला दिया गया है। नेशनल मेडिकल कमीशन ने यह सर्कुलर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भी जारी किया है। छात्र इसे डिटेल में nmc.org.in पर जाकर पढ़ सकते हैं।
Amid the ongoing evacuation of Indian medical students from #Ukraine, National Medical Commission (NMC) allows Foreign Medical Graduates with incomplete internships due to compelling situations like the Covid19 & war…to apply to complete internships in India if they clear FMGE pic.twitter.com/tqxeCNPdYy
— ANI (@ANI) March 5, 2022
गौर हो कि एनएमसी के इस फैसले के बाद छात्र भारत में ही बचा हुआ प्रशिक्षण पूरा कर सकेंगे। साथ ही नई इंटर्नशिप के लिए आवेदन दे सकते हैं। वैसे एनएमसी और सरकार के बीच इस संबंध में चर्चाएं चल रही थी। हालांकि छात्रों को इसके लिए शिक्षा से जुड़े डाक्यूमेंट्स मुहैया कराने पड़ेंगे।
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद वहां से लौटे मेडिकल छात्रों को यह अब तक की सबसे बड़ी मदद कहा जा सकता है। दरअसल भारत से बड़ी तादात में लोग यूक्रेन के कॉलेजों में मेडिकल की पढाई करने जाते हैं। एनएमसी ने एक परिपत्र में कहा कि राज्य चिकित्सा परिषद भी इसका पालन करेंगे, बशर्ते छात्र ने भारत में इंटर्नशिप पूरी करने का आवेदन देने से पहले विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण कर ली हो। उसने कहा, ‘‘कुछ विदेशी छात्र ऐसे भी हैं जिनकी कोविड-19 अथवा युद्ध जैसी विषम परिस्थितयों के कारण इंटर्नशिप पूरी नहीं हो सकी है। उन विदेश मेडिकल छात्रों की परेशानियों और उन पर दबाव को देखते हुए शेष इंटर्नशिप को भारत में पूरा करने के उनके आवेदन मान्य होंगे।
इस कदम से उन मेडिकल छात्रों को मदद मिलेगी जो यूक्रेन में अनेक कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे थे और यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण उन्हें वहां से पढ़ाई को बीच में ही छोड़कर देश लौटना पड़ा है। एनएमसी ने कहा कि राज्य चिकित्सा परिषद मेडिकल कॉलेज से लिखित में लेंगे कि वे विदेशी मेडिकल छात्रों को इंटर्नशिप कराने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लेंगे। (एजेंसी इनपुट के साथ)