
नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को लेकर किसानों (Farmer) और सरकार (Central Government) के बीच सातवें दौर की बातचीत खत्म हो गई। बैठक पहली बार सहमति बनते दिख रही है। वहीं चार जनवरी को अगली बैठक होगी। बैठक के बाद बाहर निकले कृषि मंत्री (Agriculture Bill) नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा, “आज विज्ञान भवन में किसान आंदोलन (Farmer Protest) में शामिल नेताओं के साथ बैठक हुई। बैठक में किसान यूनियन के नेताओं ने जो 4 विषय चर्चा के लिए रखे थे, उनमें से 2 विषयों पर आपसी सहमति सरकार और किसान यूनियनों (Farmer Organizations) के बीच हो गई हैं।
Today’s talks were held in a very good environment & it concluded on a positive note. Consensus on 2 out of 4 issues was reached between both sides :Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on 6th round of talks with farmers’ unions at Vigyan Bhawan pic.twitter.com/kagZc8vtes
— ANI (@ANI) December 30, 2020
बिजली और पराली अध्यादेश पर बनी सहमती
कृषि मंत्री ने कहा, “पहला मुद्दा पर्यावरण से संबंधित एक अध्यादेश था। किसान संगठन इसमें किसानों को शामिल किए जाने पर किसान आशंकित थे। जिसको देखते हुए दोनों पक्ष इस अध्यादेश को वापिस लेने में सहमत होगए हैं।” किसानों को लगता है कि अगर बिजली अधिनियम में सुधार किया जाता है, तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा। यूनियनें चाहती थीं कि सिंचाई के लिए राज्यों द्वारा किसानों को दी जाने वाली बिजली की सब्सिडी जारी रहे। इस मुद्दे पर भी सहमति बनी।”
Farmers feel that if reform is introduced in the Electricity Act, they’ll suffer loss. Unions wanted that electricity subsidy given to farmers by states for irrigation should continue. The consensus was reached on this issue also: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/bUIbLzSnyB pic.twitter.com/wW7CibZr6n
— ANI (@ANI) December 30, 2020
किसान कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े
कृषि मंत्री ने आगे कहा, “वार्ता एक बहुत अच्छे नोट पर संपन्न हुई, जिसके परिणामस्वरूप एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण हुआ। यूनियन चाहते हैं कि 3 कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए.” उन्होंने कहा कि, “दिल्ली में सर्द मौसम को देखते हुए, मैंने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को घर भेजने का अनुरोध किया है।”
एमएसपी जारी रहेगी
नरेंद्र सिंग तोमर ने कहा, “सरकार कहती रही है कि एमएसपी जारी रहेगा। हम इसे लिखित रूप में देने के लिए तैयार हैं। लेकिन किसानों की यूनियनों को लगता है कि एमएसपी को कानूनी दर्जा मिलना चाहिए। इसलिए 4 जनवरी को दोपहर 2 बजे MSP और अन्य मुद्दों के कानूनी पहलू पर चर्चा जारी रहेगी।”
आंदोलन नहीं लेंगे वापिस
अखिल भारतीय किसान सभा, पंजाब अध्यक्ष, बलकारन सिंह बराड़ ने कहा, “आज हुई वार्ता सकारात्मक रही। सरकार कहती रही है कि हमें आंदोलन समाप्त करना चाहिए और एक समिति बनानी चाहिए। लेकिन हमने उनकी बात नहीं मानी। हम अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे। हम कोई समिति नहीं बनाएंगे। हम अगली बैठक में MSP पर चर्चा करेंगे।”
आज की बैठक से संतुष्ट
कृषि कानूनों पर सरकार के रुख से नाराज चल रहे भारतीय किसान यूनियन ने नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत इस बैठक से खुश दिखे. उन्होंने बाहर निकल कर कहा, “स्टब बर्निंग और बिजली से संबंधित मुद्दों को आज की बैठक में हल किया गया। हमारे 2 मुख्य मुद्दों को अभी भी हल करने की आवश्यकता है। हम 4 जनवरी को अगली बैठक में एमएसपी और 3 कृषि कानूनों को निरस्त करने से संबंधित विषयों पर चर्चा करते हैं।”