शिलांग. विपक्षी दलों की एकता की अटकलों और चुनाव के बाद हिंसा की खबरों के बीच मेघालय के राज्यपाल फागू चौहान ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के प्रमुख कोनराड संगमा को राज्य में सरकार बनाने के लिए निमंत्रण भेजा है। यह जानकारी खुद शनिवार को संगमा ने दी। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्वोत्तर राज्य में सरकार बनाने के लिए राज्यपाल का निमंत्रण मिला है।
मुख्यमंत्री संगमा ने कहा, “मुझे राज्यपाल का पत्र मिला है जिसमें मुझे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह 7 मार्च को सुबह 11 बजे राजभवन में होगा। हम प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य नेताओं के समारोह में भाग लेने की उम्मीद कर रहे हैं।”
I have received a letter from Governor inviting me to form the government. The swearing-in ceremony will be on March 7 at 11 am in Raj Bhawan. We are expecting Prime Minister, Home Minister & other leaders to attend the ceremony: Meghalaya CM Conrad Sagma on swearing-in ceremony pic.twitter.com/Ib7HtiXf5N
— ANI (@ANI) March 4, 2023
हिंसा की खबरों पर एनपीपी प्रमुख ने कहा, “हमारे पास 32 विधायक हैं और वे लोगों द्वारा चुने गए हैं और इसलिए विधायक तय करेंगे कि वे किसे समर्थन देना चाहते हैं। गैर-सरकारी संगठनों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन यह चुनाव के जनादेश से अलग है। मेघालय ने ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा और यह अस्वीकार्य है।”
वहीं, मेघालय में खासी सीएम की मांग पर संगमा ने कहा, “हम लोकतंत्र में हैं, मुख्यमंत्री चुनने की एक प्रक्रिया होती है। यह किसी विशेष समुदाय के व्यक्ति के बारे में नहीं है बल्कि लोगों के जनादेश के बारे में है। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर लोगों की भावनाएं हैं लेकिन एक जनादेश दिया गया है।”
गौरतलब है कि संगमा ने शुक्रवार को राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री संगमा ने दावा किया कि 60 सदस्यीय विधानसभा में 32 विधायकों के समर्थन के साथ उनके पास स्पष्ट बहुमत है। कोनराड संगमा ने दावा किया कि उन्हें बीजेपी, एचएसपीडीपी और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, आने वाले दिनों में कुल संख्या बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि वह अन्य पार्टियों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा की 59 सीटों पर मतदान हुआ था। गुरुवार को चुनाव के परिणाम घोषित किए गए, जिनमें एनपीपी 26 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। एनपीपी के सहयोगी दल यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने 11 सीट पर जीत हासिल की है जबकि 2018 के चुनाव में उसे केवल छह सीट पर जीत मिली थी। वहीं, कांग्रेस और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने पांच-पांच जबकि भाजपा ने दो सीट पर जीत हासिल की है। नवगठित पार्टी वॉयस ऑफ पीपुल्स पार्टी (वीपीपी) ने चार, एचएसपीडीपी तथा पीडीएफ ने दो-दो सीट पर जीत हासिल की है जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है।