नयी दिल्ली. मिग-29 के. लड़ाकू विमान स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर रात के समय पहली बार उतरा जिसे भारतीय नौसेना ने ‘ऐतिहासिक उपलब्धि’ बताया है। नौसेना ने कहा कि इस “चुनौतीपूर्ण” ‘नाइट लैंडिंग’ परीक्षण के जरिये आईएनएस विक्रांत के चालक दल और नौसेना के पायलटों के संकल्प, कौशल और पेशेवर अंदाज का प्रदर्शन किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि यह उपलब्धि बुधवार रात को हासिल की गई जब जहाज अरब सागर में था। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, “आईएनएस विक्रांत पर मिग-29 के. की रात के समय पहली लैंडिंग करने से भारतीय नौसेना ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह नौसेना के आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का संकेत है।”
#IndianNavy achieves another historic milestone by undertaking maiden night landing of MiG-29K on @IN_R11Vikrant indicative of the Navy’s impetus towards #aatmanirbharta.#AatmaNirbharBharat@PMOIndia @DefenceMinIndia pic.twitter.com/HUAvYBCnTH
— SpokespersonNavy (@indiannavy) May 25, 2023
उन्होंने कहा, “यह चुनौतीपूर्ण ‘नाइट लैंडिंग’ परीक्षण चालक दल और नौसेना के पायलटों के संकल्प, कौशल और पेशेवर अंदाज को भी प्रदर्शित करता है।” भारत में विकसित हल्के लड़ाकू विमान के नौसेना प्रारूप को फरवरी में विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया था। इससे अलग, रूस निर्मित मिग-29 के. विमान को भी भारत के प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर उतारा गया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आईएनएस विक्रांत पर मिग-29के. को पहली बार सफलतापूर्वक रात के समय उतारे जाने पर भारतीय नौसेना को बधाई दी।
सिंह ने ट्वीट किया, “आईएनएस विक्रांत पर मिग-29के. के पहले ‘नाइट लैंडिंग’ परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए भारतीय नौसेना को बधाई।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष सितंबर में भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ का जलावतरण किया था। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों की फेहरिस्त में शामिल हो गया है, जिनके पास ऐसे बड़े युद्धपोतों के निर्माण की घरेलू क्षमताएं हैं। (एजेंसी)