मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- RSS से अल्पसंख्यकों को खतरा नहीं, संघ के खिलाफ फैलाया जाता है दुष्प्रचार

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    नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का आज 97 स्थापना दिवस है। हर साल की तरह इस साल भी नागपुर के रेशमबाग में दशहरा सभा का आयोजन किया है। जहां संघ की सभा में पहली बार महिला मुख्य अतिथि पद्मश्री संतोष यादव (Santosh Yadav) शामिल हुईं। अपने इस संबोधन में मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बढ़ती जनसंख्या, रोजगार, धर्म के नाम पर हिंसा, राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा पर से घुसपैठ, समाज में महिलाओं की भागीदारी सहित कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। साथ ही उन्होंने सबसे बड़ी बात यह भी कही कि, आरएसएस की वजह से अल्पसंख्यकों को कोई खतरा नहीं है। संघ के खिलाफ दुष्प्रचार किया जाता है।

    जरूरी है सामाजिक समानता

    मोहन भागवत ने अपने भाषण में ये भी कहा कि, संविधान के कारण राजनीतिक और आर्थिक समानता का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन, सामाजिक समानता को बिना लाए वास्तविक परिवर्तन नहीं आ पाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमें कोशिश करनी चाहिए कि हमारे दोस्तों में सभी जातियों और आर्थिक समूहों के लोग हों ताकि समाज में और समानता लाई जा सके।’ 

    आत्मनिर्भर बन रहा भारत 

    भागवत ने आगे कहा कि, सुरक्षा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर होते जा रहा है। शिक्षा की अहमियत पर उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा देने वाली नीति भी बननी चाहिए, यह अच्छा विचार है। विजयादशमी उत्सव में इसंघ प्रमुख ने कहा कि संघ के कार्यक्रमों में अतिथि के रूप में महिलाओं की मौजूदगी की परंपरा पुरानी रही है।

    सुरक्षा के कड़े इंतजाम 

    गौरतलब है कि, रेशमबाग कार्यक्रम के पथ संचालन, स्वयंसेवकों के मार्च और दीक्षाभूमि स्मारक पर भारी भीड़ होने की वजह से नागपुर पुलिस ने कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। इस दौरान शहर में 4000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। RSS के स्वयंसेवकों की दो विजयादशमी रैलियों के रास्तों पर कम से कम 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।