
नई दिल्ली/श्रीहरिकोटा. एक बड़ी खबर के अनुसार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) देश के पहले सूर्य मिशन के तहत ‘आदित्य L1’ यान को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से शनिवार को प्रक्षेपित करने के लिए तैयार है। ‘आदित्य L1′ को सूर्य परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘एल1’ (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अवलोकन करने के लिए डिजाइन किया गया है।
#WATCH | ISRO’s PSLV rocket to launch Aditya L-1 in space to study the Sun. The spacecraft will be placed around Lagrangian Point
Visuals from mission control centre at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota pic.twitter.com/OqzLzUMKgJ
— ANI (@ANI) September 2, 2023
‘आदित्य L1’ सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष यान होगा। इसे शनिवार पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर इसरो के भरोसेमंद पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) के जरिये श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा।
वहीं ISRO से खबर आई है कि श्रीहरीकोटा में आज का मौसम साफ है और मिशन की लॉन्चिंग के लिए वैज्ञानिक पूरी तरह तैयार हैं। इसरो चीफ एस सोमनाथ बेंगलुरु हेडक्वार्टर पहुंचने वाले हैं। मिशन की लॉन्चिंग से पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह इसरो ऑफिस पहुंचेंगे।
बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे श्रीहरीकोटा
इसके साथ ही आज आदित्य L1 की लॉन्चिंग देखने बड़ी संख्या में लोग श्रीहरीकोटा पहुंच रहे हैं। तमिलनाडु से आए लोगों ने कहा कि उन्हें ISRO पर गर्व है। चेन्नई से बहुत से लोग लॉन्चिंग देखने पहली बार यहां आए हैं। वे कहते हैं कि, वह अपनी खुशी बयां नहीं कर सकते हैं।
#WATCH | School students at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota to witness the launch of ISRO’s Aditya L-1 mission to study Sun pic.twitter.com/IN7HCQ6Vzz
— ANI (@ANI) September 2, 2023
#WATCH | Space enthusiasts and school students arrive at Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota ahead of the launch of ISRO’s Aditya L-1 mission pic.twitter.com/OegN9uAjoV
— ANI (@ANI) September 2, 2023
सब तरफ हो रही पूजा अर्चना
आदित्य L1 की सफल लॉन्चिंग के लिए देशभर में लोग प्रार्थना कर रहे हैं। चंडीगढ़ में जहां आदित्य मिशन को लेकर अखंड विजयी भव यज्ञ किया जा रहा है। वहीं भोपाल में मिशन की सफलता के लिए मां वैष्णो धाम आदर्श नवदुर्गा मंदिर पर भगवान पशुपतिनाथ का रुद्राभिषेक किया जा रहा है।
जानकारी दें कि ‘आदित्य L1′ के 125 दिनों में लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन बिंदु ‘L1’ के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है, जिसे सूर्य के सबसे करीब माना जाता है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं तथा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।
‘आदित्य L1′ अपने साथ 7 पेलोड ले जाएगा, जिनमें से चार सूर्य के प्रकाश का निरीक्षण करेंगे। इसरो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘चंद्रयान-3’ की सॉफ्ट लैंडिंग में मिली कामयाबी के बाद इस मिशन को अंजाम दे रहा है।