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    नई दिल्ली: केंद्र द्वारा एक परामर्श जारी किए जाने के बाद, बुधवार को विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के अस्पतालों में ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित किया जाएगा ताकि कोविड-19 से जुड़ी किसी भी घटना से निपटने के लिए उनकी तैयारी सुनिश्चित की जा सके। इस अभ्यास में सभी जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता, पृथक बेड की क्षमता, ऑक्सीजन की सुविधा वाले बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर बेड के साथ ही डॉक्टरों एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की अधिकतम उपलब्धता जैसे मापदंडों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। 

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दुनिया भर के कई देशों में कोविड मामलों में वृद्धि का जिक्र करते हुए शनिवार को रेखांकित किया कि यह जरूरी है कि सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपेक्षित स्वास्थ्य उपाय किए जाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक पत्र में कहा था कि कई देशों में कोविड के मामले बढ़ने के मद्देनजर यह आवश्यक है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी राज्यों में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आवश्यक उपाय किए जाएं। 

    भूषण ने कहा कि कोविड के मामलों में वृद्धि होने की स्थिति में सभी जिलों में इससे निपटने के लिए अस्पतालों में पूरी तैयारी की जाए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा, ‘‘इस अभ्यास का उद्देश्य कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए इन स्वास्थ्य संस्थानों की परिचालन तैयारियां सुनिश्चित करना है।”उत्तर प्रदेश के आगरा और उन्‍नाव जिलों में दो युवकों के कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद प्रशासनिक सक्रियता बढ़ गयी है। इस बीच, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने सोमवार को नगर के सभी सरकारी अस्पतालों का दौरा शुरू कर दिया ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उनकी तैयारियों का पता लगाया जा सके। 

     पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी अनिल बांका ने कहा, ‘‘हमने सभी सरकारी अस्पतालों में प्रत्यक्ष रूप से जाना शुरू कर दिया है। बिस्तरों, तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों की सूची बनाई जा रही है। सोमवार शाम तक यह पूरी हो जाएगी।” केंद्र के निर्देश के बाद राजधानी के सभी सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल किया जाएगा। (एजेंसी )